चीन ने गोल्ड पर खत्म की टैक्स छूट, दुनिया के प्रमुख बुलियन बाजार के लिए झटका

1 नवंबर से चीन अब खुदरा विक्रेताओं को उस सोने की बिक्री पर (VAT में छूट नहीं देगा, जिसे उन्होंने शंघाई गोल्ड एक्सचेंज से खरीदा था — चाहे वह सोना सीधे बेचा गया हो या प्रोसेसिंग के बाद। चीन के नए नियमों के अनुसार, अब इस कर छूट को समाप्त कर दिया गया है।

Update: 2025-11-01 04:23 GMT
हांगकांग के त्सिम शा त्सुई इलाके की कैंटन रोड पर स्थित लाओपू गोल्ड कंपनी के स्टोर में प्रदर्शित सोने की मूर्तियाँ (सौजन्य: ब्लूमबर्ग)

चीन ने सोने पर दी जा रही एक पुरानी कर प्रोत्साहन योजना समाप्त कर दी है, जो दुनिया के सबसे बड़े बुलियन (सोना-चांदी) बाजारों में से एक के लिए संभावित झटका मानी जा रही है। नए नियम के अनुसार, 1 नवंबर से बीजिंग अब खुदरा विक्रेताओं को उस सोने की बिक्री पर VAT में समायोजन की अनुमति नहीं देगा, जिसे उन्होंने शंघाई गोल्ड एक्सचेंज से खरीदा है, चाहे वह सीधे बेचा जाए या किसी प्रकार की प्रोसेसिंग के बाद।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब चीन की सुस्त रियल एस्टेट बाजार और कमजोर आर्थिक वृद्धि ने सरकारी वित्तीय संसाधनों पर दबाव बढ़ा दिया है। इस बदलाव से सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही उपभोक्ताओं के लिए सोना खरीदना महंगा हो जाएगा।

हाल ही में खुदरा निवेशकों की भारी खरीदारी की वजह से सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ उछाल देखा गया, जो अब “ओवरबॉट ज़ोन” में पहुंच गया है — यानी कीमतों में अचानक गिरावट की संभावना बढ़ गई है।

पिछले एक दशक में सोने की सबसे बड़ी गिरावट उसी समय आई जब मई के आखिर से बढ़ रहे एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के जरिए हो रही निरंतर खरीदारी में अचानक कमी आई। इसके साथ ही भारत में त्योहारों से जुड़ी मौसमी खरीदारी का दौर भी समाप्त हुआ। वहीं अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में आंशिक शांति के बाद सोने की “सुरक्षित निवेश” के रूप में मांग में कमी आई।

फिर भी सोना अब भी अक्टूबर की शुरुआत में पार किए गए $4,000 प्रति औंस के स्तर के आसपास बना हुआ है। कई ऐसे मूलभूत कारण अब भी कायम हैं जिनकी वजह से सोने की कीमतें बढ़ीं — जैसे कि विश्व भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार खरीदारी, अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती, और वैश्विक अनिश्चितताओं की वह श्रृंखला जो सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में निवेशकों के लिए आकर्षक बनाए रखती है।

उद्योग के कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले लगभग एक वर्ष में सोने की कीमतें $5,000 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं।

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