कच्चे तेल में उबाल, एक ही दिन में 12% बढ़ी कीमतें, 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकते हैं दाम

इजराइल ने तेहरान में कई लोकेशनों पर हमला किया है जिसमें नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी और तेहरान एयरबेस भी शामिल है. इजरायल के इस कदम के बाद मिडिल ईस्ट में युद्ध शुरू होने की आशंका जताई जा रही है. इसके चलते कच्चे तेल के दामों में उबाल देखने को मिला है.;

Update: 2025-06-13 10:20 GMT
इजरायल के ईरान पर हमले के चलते कच्चे तेल के दामों में जोरदार तेजी आई है.

इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर शुक्रवार 13 जून के तड़के हमला क्या बोला कमोडिटी के दामों में आग लग गई है. क्रूड ऑयल की कीमतों में जोरदार उछाल देखा जा रहा है.एक ही दिन में कच्चे तेल की कीमतों में 12 फीसदी के करीब उछाल देखी गई और क्रूड ऑयल प्राइस करीब 77 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है.

कच्चे तेल में 12 फीसदी का उछाल

इजराइल ने 'Operation Rising Lion' के तहत तेहरान में कई लोकेशनों पर हमला किया है जिसमें नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी और तेहरान एयरबेस भी शामिल है. इजरायल के इस कदम के बाद मिडिल ईस्ट जो कच्चे तेल के भंडार के लिए जाना जाता है वहां पर युद्ध शुरू होने की आशंका जताई जा रही है. इसके चलते क्रूड ऑयल की सप्लाई बाधित हो सकती है जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में आज उबाल देखने को मिला है. WTI क्रूड ऑयल प्राइस 12.6 फीसदी के उछाल के साथ 76.61 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर जा पहुंचा है. तो ब्रेंट क्रूड ऑयल प्राइस 12.2 फीसदी के बढ़त के साथ 77.77 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर जा पहुंचा है.

120 डॉलर तक जाएगा कच्चा तेल?

दुनिया की दिग्गज इंवेस्टमेंट बैंक जे.पी. मॉर्गन ने कहा है अगर मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ा तो कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है. अगर युद्ध जैसे हालात बने और Strait of Hormuz से तेल जाना बंद हुआ तो दुनियाभर में तेल की सप्लाई पर बड़ा असर पड़ेगा और कीमतें तेजी से बढ़ेंगी.

तेल की सप्लाई हो सकती है बाधित

जानकारों का मानना है कि इजरायल के ईरान पर हमले के चलते अगर ये युद्ध का रूप लेता है तो कच्चे तेल के दामों में और भी तेजी आ सकती है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के ग्रुप सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और कमोडिटी रिसर्च हेड नवनीत दमानी ने कहा, इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का सीधा असर तेल की कीमतों पर पड़ा है. इजराइल ने ईरान पर हवाई हमला किया है, जिससे दुनिया में यह डर पैदा हो गया है कि कहीं तेल की सप्लाई न रुक जाए. इसी डर की वजह से कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही है.

उन्होंने कहा, अब सबकी नजर इस पर है कि ईरान क्या जवाब देता है. अगर ईरान ने पलटवार किया, तो तेल की कीमतें और भी ज्यादा बढ़ सकती है. अगर हालात बहुत बिगड़ गए, तो the Strait of Hormuz जहां से रोज़ाना करीब 2 करोड़ बैरल तेल गुजरता है बंद हो सकता है. ऐसा हुआ तो दुनिया भर में तेल की सप्लाई पर बड़ा असर पड़ेगा. फिलहाल तेल की कीमतें पहले ही 10% तक बढ़ चुकी हैं, और अगर तनाव बढ़ा, तो ये 8-9% और बढ़ सकती हैं.

सस्ते पेट्रोल डीजल पर फिरा पानी

पिछले कुछ महीनो में कच्चा तेल 60 से 65 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार कर रहा था. तब ये माना जा रहा था कि भारत सरकार पेट्रोल डीजल के दामों में कमी कर आम लोगों को राहत दे सकती है. सरकार तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल पर 7-9 रुपये प्रति लीटर का फायदा हो रहा था.लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद इस संभावना पर पानी फिर गया है. भारत अपने कुल खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है.

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