क्रिप्टोकरेंसी पैसा नहीं, इसकी कीमत ‘सट्टे पर आधारित’: RBI डिप्टी गवर्नर
रबी शंकर ने क्रिप्टोकरेंसी को 'सिर्फ कोड का एक टुकड़ा' बताते हुए कहा कि इसकी ऐतिहासिक यात्रा दशकों की खोज का परिणाम है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने शुक्रवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी कोई वास्तविक मुद्रा नहीं है और इसकी कीमत पूरी तरह सट्टा आधारित है। वे मुंबई में आयोजित मिंट एनुअल BFSI कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित कर रहे थे।
रबी शंकर ने क्रिप्टोकरेंसी को 'सिर्फ कोड का एक टुकड़ा' बताते हुए कहा कि इसकी ऐतिहासिक यात्रा दशकों की खोज का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इस खोज की शुरुआत 1950 के दशक में या उससे भी पहले हुई थी और बिटकॉइन का निर्माण उसी खोज का नतीजा है। उन्होंने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को “क्रांतिकारी” करार देते हुए कहा कि बिटकॉइन वास्तव में इस तकनीक को प्रदर्शित करने का एक माध्यम था।
उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन तकनीक ने यह साबित किया कि एक डिजिटल टोकन को दो अनजान पक्षों के बीच बिना किसी मध्यस्थ के स्थानांतरित किया जा सकता है। यह एक क्रांतिकारी तकनीक थी और इसके कई उपयोग हो सकते हैं। लेकिन बिटकॉइन सिर्फ इस तकनीक को दिखाने का उपकरण था।
डिप्टी गवर्नर ने आगे कहा कि बिटकॉइन की कोई आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) नहीं है, न ही यह किसी भुगतान का वादा करता है। उन्होंने साफ किया कि यह पैसा नहीं है। बिटकॉइन की आज की कीमत उसी तरह वास्तविक मूल्य को प्रतिबिंबित नहीं करती, जैसे मुद्रा का मूल्य होता है। इसकी कीमत पूरी तरह सट्टा आधारित है, जैसे ट्यूलिप की कीमत होती थी। यानी कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई आंतरिक मूल्य नहीं है, यह किसी वादे या गारंटी पर आधारित नहीं है, इसलिए यह न तो पैसा है और न ही वित्तीय संपत्ति।