US से लेकर एशिया तक शेयर बाजार में गिरावट, सता रहा है ब्लैक मंडे का खौफ
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का कहर का साफ तौर पर नजर आ रहा है। अमेरिका से लेकर जापान-कोरिया तक असर दिखाई दे रही है। इन सबके बीच ब्लैत मंडे का खौफ है;
दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बाइडेन के नेतृत्व में अन्य देशों ने अमेरिका के साथ बुरा व्यवहार किया, और यह सब कमजोर नेतृत्व का नतीजा है। ट्रंप के बयानों और टैरिफ घोषणाओं के बाद अमेरिकी से लेकर एशियाई बाजारों तक में गिरावट देखी गई है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटकॉइन, में भी तेज गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के बीच डर का माहौल है।
एशियाई बाजारों में बड़ी गिरावट
सोमवार को एशियाई बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई।जापान का निक्केई बाजार खुलते ही 225 अंकों की गिरावट के साथ नीचे गया और एक घंटे में यह 7.1% गिरकर 31,375.71 पर बंद हुआ।दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक 5.5% गिरकर 2,328.52 पर पहुंच गया।ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 भी 6.3% की गिरावट के साथ 7,184.70 पर बंद हुआ।
ट्रंप की टैरिफ नीति का वैश्विक असर
ट्रंप के टैरिफ नीति की घोषणा का वैश्विक बाजारों पर गहरा असर पड़ा है। अमेरिकी शेयर बाजारों से लेकर एशियाई बाजारों तक सभी में गिरावट देखी गई। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में भी भारी गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ की वजह से महंगाई बढ़ सकती है और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा सकती है।
'ब्लैक मंडे' जैसी चेतावनी
वित्तीय विश्लेषक जिम क्रेमर ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी शेयर बाजार में 1987 के 'ब्लैक मंडे' जैसी गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि सोमवार को डॉव जोन्स ने अब तक की सबसे बड़ी एक-दिनी गिरावट दर्ज की। क्रेमर का कहना है कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति उन देशों से संपर्क नहीं करते जिन्होंने अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
'ब्लैक मंडे' की घटना 19 अक्टूबर 1987 की है, जब अमेरिकी शेयर बाजार में अभूतपूर्व गिरावट आई थी। उस दिन डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 22.6%, जबकि S&P 500 इंडेक्स में 20.4% की गिरावट दर्ज की गई थी। इसका असर दुनियाभर के बाजारों पर पड़ा था।अब विशेषज्ञों को डर है कि ट्रंप के टैरिफ से ऐसा संकट दोबारा खड़ा हो सकता है।