ED ने अनिल अंबानी के खिलाफ नया केस दर्ज किया, ₹2,929 करोड़ की धोखाधड़ी से जुड़ा मामला

यह मामला पिछले महीने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। 21 अगस्त को CBI ने आरकॉम (RCom), अनिल अंबानी, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और अन्य के खिलाफ SBI से धोखाधड़ी करने के आरोप में केस दर्ज किया था।;

Update: 2025-09-10 13:11 GMT
भारतीय स्टेट बैंक ने 13 जून को आरकॉम और अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया था

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से ₹2,929 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह केस सीबीआई (CBI) द्वारा पिछले महीने दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। 21 अगस्त को सीबीआई ने आरकॉम, अंबानी, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और अन्य पर एसबीआई को धोखा देने का आरोप लगाया था। इसके बाद सीबीआई अधिकारियों ने अंबानी के आवास और आरकॉम के दफ्तरों की तलाशी भी ली थी।

एसबीआई ने लगाया "फ्रॉड" का ठप्पा

भारतीय स्टेट बैंक ने 13 जून को आरकॉम और अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया था और 24 जून को इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को रिपोर्ट भेजी थी।

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान में सभी आरोपों और चार्जेज को “सख्ती से खारिज” किया। प्रवक्ता ने कहा, “एसबीआई की शिकायत उन मामलों से जुड़ी है जो 10 साल से भी पुराने हैं। उस समय अंबानी कंपनी में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे और रोज़ाना के प्रबंधन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। वे कानूनी तरीके से अपना बचाव करेंगे।”

पुराने मामलों की भी जांच

ईडी ने इससे पहले भी अनिल अंबानी से मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई मामलों में पूछताछ की थी। आरोप है कि उनकी समूह कंपनियों ने करोड़ों रुपये के बैंक लोन में धोखाधड़ी की।

एजेंसी 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा रिलायंस ग्रुप कंपनियों को दिए गए लगभग ₹3,000 करोड़ के लोन की जांच कर रही है। जांच में पता चला कि लोन मंजूर होने से ठीक पहले बैंक के प्रमोटर्स को भी पेमेंट किया गया था, जो एक quid pro quo (लेन-देन के बदले फायदा) का मामला दर्शाता है।

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