सरकार 8 लाख करोड़ रुपये की लेगी उधारी, ग्रीन बॉंड्स से जुटाएगी 10 हजार करोड़

Modi government: इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यावरणीय रूप से सतत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.;

Update: 2025-03-27 17:07 GMT

central government borrowing plan: वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 के पहले छमाही के लिए अपनी उधारी योजना की घोषणा की है, जिसके तहत सरकार 8 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी. यह रकम कुल बाजार उधारी के 14.82 लाख करोड़ रुपये का 54% होगी. इस दौरान 26 साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियां जारी की जाएंगी, जिनकी मैचुरिटी 3 से 50 वर्षों के बीच होगी.

ग्रीन बॉन्ड्स

इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यावरणीय रूप से सतत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा. इसके तहत 10,000 करोड़ रुपये की उधारी सोवरेन ग्रीन बॉन्ड्स (SGrBs) के माध्यम से जुटाई जाएगी, जो कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए निवेश को आकर्षित करेगी.

उधारी का वितरण विभिन्न समयावधियों के तहत इस प्रकार होगा:

- 3 साल की प्रतिभूतियां: 5.3%

- 5 साल की प्रतिभूतियां: 11.3%

- 7 साल की प्रतिभूतियां: 8.2%

- 10 साल की प्रतिभूतियां: 26.2%

- 15 साल की प्रतिभूतियां: 14.0%

- 30 साल की प्रतिभूतियां: 10.5%

- 40 साल की प्रतिभूतियां: 14.0%

- 50 साल की प्रतिभूतियां: 10.5%

इसके अलावा सरकार को ग्रीनशू विकल्प का उपयोग करने का अधिकार प्राप्त है, जिसके तहत नीलामी में अतिरिक्त 2,000 करोड़ रुपये तक का सब्सक्रिप्शन जुटाया जा सकता है.

टी-बिल्स के माध्यम से उधारी

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ट्रेजरी बिल्स के जरिए साप्ताहिक उधारी का अनुमान 13 सप्ताह में 19,000 करोड़ रुपये का है. इसमें 91 दिन के टी-बिल के लिए 9,000 करोड़ रुपये, 182 दिन के टी-बिल के लिए 5,000 करोड़ रुपये और 364 दिन के टी-बिल के लिए 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.

WMA सीमा

सरकारी वित्तीय असंतुलन को संभालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के लिए वेज़ एंड मीन्स एडवांसेज (WMA) की सीमा 1.50 लाख करोड़ रुपये निर्धारित की है. इसका उद्देश्य सरकार के खाता असंतुलन को अस्थायी रूप से संतुलित करना है. इस योजना से सरकार को अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी और दीर्घकालिक आर्थिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए मजबूत आधारभूत संरचनाओं का निर्माण होगा.

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