ट्रंप टैरिफ का असर: विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से निकाले ₹10,355 करोड़

US tariff: अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है. इसके कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका है और इससे मुद्रास्फीति भी बढ़ सकती है.;

Update: 2025-04-06 10:05 GMT

Foreign investors: इस महीने के पहले चार व्यापारिक सत्रों (1 अप्रैल से 4 अप्रैल) में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से ₹10,355 करोड़ की निकासी की है. इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा भारत समेत कई देशों पर लागू किए गए उच्च आयात शुल्क है.

वहीं, मार्च में 21 से 28 मार्च तक के छह सत्रों में विदेशी निवेशकों ने ₹30,927 करोड़ का निवेश किया था. इस निवेश ने मार्च में कुल निकासी को ₹3,973 करोड़ तक सीमित कर दिया. फरवरी की बात करें तो विदेशी निवेशकों ने ₹34,574 करोड़ की निकासी की थी. जबकि जनवरी में यह राशि ₹78,027 करोड़ रही थी.

अमेरिकी टैरिफ

अमेरिका ने सभी आयातों पर 10 प्रतिशत का शुल्क और ऑटोमोबाइल आयातों पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाया है. इसके साथ ही, भारत समेत कई देशों पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी लगाया गया है. इन शुल्कों के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका है और इससे मुद्रास्फीति भी बढ़ सकती है.

अमेरिकी बाजारों में गिरावट

इन शुल्कों की वजह से अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली है. S&P 500 और Nasdaq जैसे प्रमुख सूचकांकों में सिर्फ दो दिनों में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है.

आगे क्या?

अब निवेशक यह देखेंगे कि इन शुल्कों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या असर होता है. इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ब्याज दरों में कटौती के बारे में आने वाले फैसले भी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होंगे. साल 2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से ₹1.27 लाख करोड़ की निकासी की है. अमेरिकी शुल्कों के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है.

लोन बाजार से भी निकासी

इक्विटी के अलावा, विदेशी निवेशकों ने भारतीय ऋण बाजार से ₹556 करोड़ और ऋण स्वैच्छिक रिटेंशन मार्ग से ₹4,038 करोड़ की निकासी की है. इस तरह, अमेरिकी शुल्कों का असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है और आने वाले समय में निवेशकों के लिए और भी कई फैसले सामने आ सकते हैं.

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