शेयर बाजार में गिरावट से FPI को भारी नुकसान, गोल्डमैन सैक्स, सिंगापुर सरकार, नॉर्जेस बैंक के निवेश में सेंध
डेटा के मुताबिक, गोल्डमैन सैक्स, कैमास इन्वेस्टमेंट्स, नालंदा, कैपिटल ग्रुप, आर्टिसन फंड और कोटक फंड्स के पोर्टफोलियो वैल्यू में 10% से 22% की गिरावट आई है.;
2025 में जनवरी से मार्च का पहला तिमाही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए बेहद निराशाजनक रहा है. इस तिमाही में सेंसेक्स में केवल 3 फीसदी की गिरावट रही लेकिन भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वाले बड़े और दिग्गज विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. एक डेटा के मुताबिक गोल्डमैन सैक्स, सिंगापुर सरकार, नॉर्जेस बैंक, GQG पार्टनर्स जैसे एफपीआई को भारी नुकसान हुआ है.
Primeinfobase.com के डेटा के मुताबिक, गोल्डमैन सैक्स, कैमास इन्वेस्टमेंट्स, नालंदा, कैपिटल ग्रुप, आर्टिसन फंड और कोटक फंड्स के पोर्टफोलियो वैल्यू में 10% से 22% की गिरावट आई है. सिंगापुर सरकार, नॉर्जेस बैंक, GQG पार्टनर्स, अमांसा, नॉर्दर्न TK वेंचर, ग्रीन एंटरप्राइजेज इन्वेस्टमेंट होल्डिंग, और INQ होल्डिंग जैसे बड़े एफपीआई को पोर्टफोलियो में नुकसान का सामना करना पड़ा है इनमें से कई की गिरावट बेंचमार्क से अधिक रही है.
सिंगापुर सरकार भारत में सबसे बड़ी एफपीआई है, जिसकी मार्च 31, 2025 तक कुल संपत्ति 2.33 लाख करोड़ रुपये थी. इसके पोर्टफोलियो मूल्य में लगभग 4.6% की गिरावट देखी गई. सिंगापुर सरकार का सबसे ज्यादा निवेश HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ICICI बैंक, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल और L&T में हैं.
नॉर्वे की नॉर्जेस बैंक जो दूसरी बड़ी एफपीआई है उसका कुल संपत्ति 1.41 लाख करोड़ रुपये है और 100 से अधिक कंपनियों में हिस्सेदारी है. इस एफपीआई को भी 5.35% की गिरावट झेलनी पड़ी है. नियमों के तहत किसी कंपनी में निवेश 1% से अधिक है, तभी उसे सार्वजनिक रूप से घोषित करना पड़ता है. कोटक फंड्स, जो शीर्ष 20 एफपीआई में शामिल है और 26 कंपनियों में हिस्सेदारी रखता है उसका कुल एसेट 11,738 करोड़ रुपये है उसे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और इसके पोर्टफोलियो वैल्यू में 22% की कमी आई है. इसका निवेश श्रीराम फाइनेंस, मैक्स हेल्थकेयर, अपोलो हॉस्पिटल्स, फोर्टिस हेल्थकेयर और थर्मैक्स में है.
अमेरिका स्थित कैपिटल ग्रुप को भी 21.87% का नुकसान हुआ है और इसकी संपत्ति दिसंबर 2024 के 98,485.52 करोड़ से गिरकर मार्च में 76,946 करोड़ रुपये रह गई है. गोल्डमैन सैक्स, जिसकी भारत में लगभग 65 कंपनियों में हिस्सेदारी है जिनमें उसे 11% का नुकसान हुआ है.
अमेरिका की Vanguard, जिसकी कुल संपत्ति 58,741 करोड़ रुपये है, उसके निवेश में 33% की बढ़त आई है. इसके मुख्य निवेश HDFC बैंक, ICICI बैंक, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सिप्ला और मैक्स हेल्थकेयर शामिल है.