GST रेट कटौती के चलते 20 लाख करोड़ रुपये की बढ़ेगी खपत, त्योहारों पर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
वित्त मंत्री ने बताया कि हम 54 आईटम्स के बेहद नजदीक से मॉनिटर कर रहे हैं, जिसमें हम चाहते हैं कि कीमतों में कमी आए और टैक्स में कटौती का फायदा आम उपभोक्ताओं को मिले.
जीएसटी रेट में कटौती के फैसले से शुरू हुए बचत उत्सव को लागू हुए एक महीने बीते चुके हैं. इसका फायदा गिनाने और अर्थव्यवस्था पर इसके पड़े असर का बयौरा देने के लिए मोदी सरकार के तीन मंत्री मीडिया से मुखातिब हुए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जीएसटी सुधार को लागू करने के फैसले के चलते आम उपभोक्ताओं, किसानों और उद्योगों सभी को राहत मिली है.
वित्त मंत्री ने बताया कि, हम 54 आईटम्स को बेहद नजदीक से मॉनिटर कर रहे हैं, जिसमें हम चाहते हैं कि कीमतों में कमी आए और टैक्स में कटौती का फायदा आम उपभोक्ताओं को मिले. उन्होंने बताया कि कई गुड्स पर जीएसटी रेट्स को घटाकर 12 फीसदी से 5 फीसदी और 28 फीसदी से 18 फीसदी किया गया है.
इस मौके पर मौजूद सूचना प्रसारण और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, जीएसटी सुधार के समय ये अनुमान लगाया गया था कि इस फैसले के चलते खपत कितना बढ़ेगा. उन्होंने बताया, पिछले साल 335 लाख करोड़ रुपये जीडीपी रहा था जिसमें खपत (consumption) 202 लाख करोड़ रुपये और निवेश 98 लाख करोड़ रुपये रहा था. लेकिन जीएसटी रिफॉर्म्स के चलते, खपत में जोरदार उछाल आने के आसार हैं और ये 10 फीसदी तक सालाना बढ़ सकता है. उन्होंने कहा, इस बात की पूरी संभावना है कि 20 लाख रुपये तक खपत में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “जीएसटी नेक्स्ट जेन सुधारों ने त्योहारों से पहले लोगों को वास्तविक बचत का अहसास कराया है. हमने यह सुनिश्चित किया है कि कंपनियां कर कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाए. यह सुधार केवल टैक्स नहीं, बल्कि विश्वास और पारदर्शिता का उत्सव है.” वित्त मंत्री ने बताया कि कुछ वस्तुओं में कंपनियों ने उपभोक्ताओं को औसत जीएसटी दर कटौती से भी अधिक लाभ दिया है. सीतारमण के अनुसार, अब तक कुल 3,169 शिकायतें जीएसटी कटौती के अनुरूप कीमतें न घटाने को लेकर उपभोक्ता मामलों के विभाग को प्राप्त हुई हैं.
इनमें से 3,075 शिकायतें सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड) के नोडल अधिकारियों को भेजी जा चुकी हैं, जबकि 94 शिकायतों का निपटारा हो चुका है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, जीएसटी सुधार ने अलग अलग क्षेत्रों में शक्तिशाली और सकारात्मक प्रभाव डाला है.
ऑटोमोबाइल बिक्री में उछाल, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि, जीवन रक्षक दवाइयाँ अब किफायती, और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएँ जैसे कपड़े, कॉस्मेटिक्स, पेन, कागज़ अब सस्ते हुए हैं. ये सुधार सीधे हर घर और हर नागरिक तक लाभ पहुँचा रहे हैं, जिससे दैनिक जीवन सस्ता और आर्थिक गति तेज़ हुई है.
वित्त मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, वस्त्र और उपभोक्ता टिकाऊ क्षेत्रों में मांग में जबरदस्त उछाल देखा गया है. इन सुधारों से घरों का बजट हल्का हुआ है और बाज़ार में खपत को प्रोत्साहन मिला है. अनुमान के मुताबिक, 2.5 लाख करोड़ रुपये का कर बोझ अब सीधे उपभोक्ताओं से कम हुआ है, जिसमें आयकर रियायतें भी शामिल हैं. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में मांग और औपचारिक अर्थव्यवस्था (formalisation) में तेज़ सुधार दिखेगा.
उद्योग जगत ने भी सरकार के फैसले का खुलकर स्वागत किया है. एफएमसीजी कंपनियों ने साबुन, शैम्पू, डेयरी और पैक्ड फूड पर कर घटने का स्वागत किया और तुरंत एमआरपी कम की. ग्रामीण बाज़ार में मांग बढ़ने की उम्मीद जताई. ऑटो और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र में निर्माताओं ने तुरंत दाम घटाए। छोटी कारों, दोपहियों, टीवी और एसी की बिक्री में त्योहारी उछाल देखा गया है. दवाओं पर राहत मिली है, वाहन खरीदना आसान हुआ है, और खेती के इनपुट्स सस्ते हुए हैं.