1 अक्टूबर से लागू होगा भारत-EFTA व्यापार समझौता, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का एलान

व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) में $100 अरब की EFTA निवेश प्रतिबद्धता और भारत द्वारा स्विस वस्तुओं पर शुल्क में कटौती शामिल है।;

Update: 2025-07-19 15:04 GMT
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के सदस्य देश हैं आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड। (फ़ाइल फ़ोटो)

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार (19 जुलाई) को घोषणा की कि भारत और यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच मुक्त व्यापार समझौता 1 अक्टूबर से लागू होगा। गोयल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “भारत-EFTA TEPA 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।”

मार्च 2020 में हुआ था समझौता

यह व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) भारत और EFTA के बीच 10 मार्च 2020 को हस्ताक्षरित हुआ था। समझौते के तहत, EFTA ने भारत में अगले 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश का वादा किया है। इसके बदले भारत स्विस घड़ियों, चॉकलेट्स, पॉलिश हीरे जैसी कई वस्तुओं पर शून्य या कम सीमा शुल्क लगाएगा।

EFTA चार देशों का समूह है: आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड। इनमें से भारत के लिए सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार स्विट्जरलैंड है।

यह पहली बार है जब भारत ने किसी व्यापार समझौते में इतने बड़े पैमाने पर निवेश की प्रतिबद्धता प्राप्त की है।

16 साल बाद हुआ करार

यह समझौता करीब 16 वर्षों की बातचीत के बाद संभव हुआ है। भारत ने EFTA देशों से आने वाले उत्पादों के लिए अपने बाजार खोलने के एवज में यह निवेश सुनिश्चित किया है।

भारत इस समझौते में 82.7% टैरिफ लाइन्स (उत्पाद श्रेणियाँ) पेश कर रहा है, जो EFTA के कुल निर्यात का 95.3% कवर करती हैं। इनमें से 80% से अधिक आयात केवल सोने के हैं।

भारतीय उपभोक्ताओं को स्विस उत्पाद सस्ते में मिलेंगे

एक बार समझौता लागू हो जाने के बाद भारतीय उपभोक्ताओं को स्विस घड़ियाँ, चॉकलेट, बिस्किट, घड़ियाँ आदि उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे, क्योंकि अगले 10 वर्षों में इन पर कस्टम ड्यूटी चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दी जाएगी।

सेवाओं के क्षेत्र में अवसर

भारत ने EFTA को 105 सब-सेक्टर ऑफर किए हैं, जिनमें एकाउंटिंग, बिजनेस सर्विसेज, कंप्यूटर सर्विसेज, हेल्थ, डिस्ट्रीब्यूशन आदि शामिल हैं।

बदले में भारत को प्राप्त हुई प्रतिबद्धताएँ-

स्विट्ज़रलैंड से – 128 सब-सेक्टर

नॉर्वे से – 114

लिकटेंस्टीन से – 107

आइसलैंड से – 110

इससे लीगल, ऑडियो-विजुअल, R&D, कंप्यूटर, एकाउंटिंग और ऑडिटिंग सेवाओं में भारत की पहुँच बढ़ेगी।

ईयू बाजार तक पहुंचेगा भारत

समझौता भारत के निर्यातकों को यूरोपीय संघ (EU) के बाजारों तक पहुँच दिलाने का भी अवसर देगा। स्विट्जरलैंड के वैश्विक सेवा निर्यात का 40% हिस्सा ईयू को जाता है। ऐसे में भारतीय कंपनियाँ स्विट्जरलैंड को आधार बनाकर पूरे यूरोप में अपने बाजार का विस्तार कर सकती हैं।

2024-25 में भारत-EFTA द्विपक्षीय व्यापार 24.4 अरब डॉलर रहा था।

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