वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी रहा GDP ग्रोथ रेट, पूरे वर्ष के दौरान 6.5 फीसदी रही विकास दर
जीडीपी ग्रोथ रेट के इस डेटा का क्रेडिट कंस्ट्रक्शन क्षेत्र को जाता है जिसने 2024-25 में 9.4 फीसदी के रेट से ग्रोथ दिखाया है.;
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी रहा है जो तीसरी तिमाही में ७.4 फीसदी रहा था. जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान डीजीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहा है. आरबीआई ने 2024-25 की चौथी तिमाही में 7.2 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया था तो पूरे वित्त वर्ष के लिए 6.6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान था. वित्त वर्ष 2024-25 में लोगों के खर्च (Private Final Consumption Expenditure) में 7.2% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल यह बढ़ोतरी 5.6% थी.
विकसित देशों से आगे है भारत
जीडीपी डेटा पर कमेंट करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, ग्रोथ रेट के डेटा से स्पष्ट है कि भारत दुनिया के कई देशों से तेज गति से विकास कर रहा है. उन्होंने कहा कि, निजी खपत में लगातार तेजी आ रही है. CEA ने कहा, सर्विसेज सेक्टर ने जीडीपी में 55 फीसदी का योगदान दिया है. उन्होंने कहा, हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि यह भी प्रोविजनल डेटा है.
कृषि क्षेत्र ने बचाया
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र का ग्रोथ रेट जहां 5.4 फीसदी रहा है जबकि इसके पहले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में ग्रोथ रेट 0.9 फीसदी रहा था. माइनिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट 2.5 फीसदी रहा है जो इसके पहले वित्त वर्ष के समान तिमाही में 0.5 फीसदी रहा था. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ रेट 4.8 फीसदी रहा है जो 11.3 फीसदी से कम है. इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वॉटर सप्लाई और दूसरी यूटिलिटी सेक्टर का ग्रोथ रेट 8.8 फीसदी से घटकर 5.4 फीसदी रहा है. कंस्ट्रक्शन सेक्टर का ग्रोथ रेट 10.8 फीसदी रहा है जो पहले 8.7 फीसदी रहा था. ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन सर्विसेज और ब्रॉडकास्ट से जुड़े सर्विसेज का ग्रोथ रेट 6 फीसदी रहा है जो इसके पहले वित्त वर्ष के समान तिमाही में 6.2 फीसदी और फाइनेंशियल,रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विसेज का 7.8 फीसदी रहा है जो कि इसके पहले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 9 फीसदी ग्रोथ रेट रहा था.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने किया निराश
सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जीडीपी का जो डाटा जारी किया गया है उसमें पूरे वित्त वर्ष के दौरान अलग-अलग सेक्टर्स के प्रदर्शन पर नजर डालें तो कृषि क्षेत्र का ग्रोथ रेट 2024-25 में 4.4 फीसदी रहा है जो की 2023-24 में 2.7 फीसदी रहा था. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन 2024-25 में बेहद निराशाजनक रहा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट केवल 4.5 फीसदी रहा है जबकि 2023-24 में यह 12.3 फीसदी रहा था. इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वॉटर सप्लाई और दूसरे यूटिलिटी सर्विसेज का ग्रोथ रेट 5.9 फीसदी रहा है जो इसके पहले वित्त वर्ष में 8.6 फ़ीसदी रहा था.
कंस्ट्रक्शन सेक्टर का ग्रोथ रेट 2024-25 में 9.4 फीसदी रहा है जो इसके पहले वित्त वर्ष में 10.4 फीसदी रहा था. ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन सर्विसेज और ब्रॉडकास्ट से जुड़े सर्विसेज का ग्रोथ रेट 6.8 फ़ीसदी रहा है जो इसके पहले वित्त वर्ष 2023-24 में 7.5 फ़ीसदी रहा था. फाइनेंशियल,रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विसेज का ग्रोथ रेट 2024-25 में 7.02 फीसदी रहा है जो की 2023-24 में 10.3 फ़ीसदी रहा था. पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस और दूसरे सर्विसेज का ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी दे रहा है जो 2023-24 में 8.8 फीसदी रहा था.
187.97 लाख करोड़ रुपये रहा जीडीपी
वित्त वर्ष 2024-25 में स्थिर मूल्य पर जीडीपी 187.97 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी का प्रथम संशोधित अनुमान (First Revised Estimates) 176.51 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस प्रकार जीडीपी में 6.5% की बढ़ोतरी रही है. वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में स्थिर मूल्य पर जीडीपी 7.4% के ग्रोथ रेट के साथ 51.35 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 47.82 लाख करोड़ रुपये रहा था.