भारत 2031 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर: एसएंडपी रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत विकास संभावनाओं और बेहतर विनियमन के कारण इक्विटी बाजारों के गतिशील और प्रतिस्पर्धी बने रहने की उम्मीद है.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-09-19 10:58 GMT
Indian Economy Growth: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर की गयी एक स्टडी रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि वर्ष 2030-31 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. इस रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि इस वित्त वर्ष में भारत को 6.7 प्रतिशत की अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ावा मिलेगा.
एसएंडपी ग्लोबल ने किया दावा
एसएंडपी ग्लोबल ने गुरुवार (19 सितंबर) को एक रिपोर्ट में कहा कि भारत 2030-31 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, जिसे इस वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत की अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ावा मिलेगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ, व्यापार लेनदेन और लॉजिस्टिक्स में सुधार, निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने और सार्वजनिक पूंजी पर निर्भरता कम करने के लिए निरंतर सुधार महत्वपूर्ण हैं.
सरकारी बांड में विदेशी निवेशकों की हुई वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत विकास संभावनाओं और बेहतर विनियमन के कारण इक्विटी बाजारों के गतिशील और प्रतिस्पर्धी बने रहने की उम्मीद है, तथा भारत के प्रमुख उभरते बाजार सूचकांकों में शामिल होने के बाद से भारतीय सरकारी बांडों में विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है, तथा आगे भी इसमें वृद्धि की उम्मीद है.
मजबूत बंदरगाह बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की आवश्यकता
'इंडिया फॉरवर्ड: इमर्जिंग पर्सपेक्टिव्स' रिपोर्ट के प्रथम संस्करण में कहा गया है कि व्यापार लाभ को अधिकतम करने के लिए भारत को बुनियादी ढांचे और भू-राजनीतिक रणनीतियों का विकास करना होगा, विशेष रूप से अपने व्यापक समुद्र तट के संबंध में.
इसमें कहा गया है कि भारत का लगभग 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्ग से होता है, जिससे बढ़ते निर्यात और थोक वस्तुओं के आयात को प्रबंधित करने के लिए मजबूत बंदरगाह बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है.
नवीकरणीय और कम उत्सर्जन वाले ईंधन की जरुरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत घरेलू ऊर्जा की बढ़ती मांग का सामना कर रहा है और वह नवीकरणीय और कम उत्सर्जन वाले ईंधनों सहित टिकाऊ प्रौद्योगिकियों की ओर देख सकता है, तथा अपनी ऊर्जा संक्रमण योजनाओं के साथ ऊर्जा सुरक्षा को संतुलित कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि बुनियादी ढांचे और उत्पादकता में सुधार के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों और नई नीतियों पर निर्भर करेगी.
सिंचाई, भण्डारण जैसे बुनियादे ढांचे को करे मजबूत
रिपोर्ट में इस बात का भी ज़िक्र किया गया है कि खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई, भंडारण और आपूर्ति वितरण जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है.
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया रिसर्च चैप्टर का प्रथम अध्ययन गुरुवार को मुंबई में लॉन्च किया गया.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)