शेयर मार्केट में गिरावट से निवेशकों में कोहराम! मार्केट क्रैश के ये रहे बड़े कारण

Stock market: इक्विटी बाजार में भारी गिरावट के चलते पिछले चार दिनों में बाजार मूल्यांकन में लगभग 25 लाख करोड़ रुपये की चपत लग गई.;

Update: 2025-01-13 18:25 GMT

Share market crash: शेयर बाजार में आज की गिरावट से निवेशकों में कोहराम मचा दिया है. खासकर नए निवेशकों ने पिछले इस तरह से शेयरों को टूटते हुए नहीं देखा होगा. इस भारी गिरावट से निवेशक घबराए हुए हैं. सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 1,048.90 अंकों की गिरावट के साथ 76,330 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 345.55 अंकों की गिरावट के साथ 23,085.95 पर बंद हुआ. इस वजह से बीएसई में लिस्टे़ फर्मों का बाजारी पूंजीकरण घटकर 4,17,05,906.74 करोड़ रुपये ($4.82 ट्रिलियन) रह गया. देखते ही देखते इक्विटी बाजार में भारी गिरावट के चलते पिछले चार दिनों में बाजार मूल्यांकन में लगभग 25 लाख करोड़ रुपये की चपत लग गई. अकेले सोमवार को निवेशकों को 12.61 लाख करोड़ रुपये का घाटा देखने को मिला.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में सूचीबद्ध फर्मों का बाजार पूंजीकरण घटकर 4,17,05,906.74 करोड़ रुपये ($4.82 ट्रिलियन) रह गया. जो सोमवार सहित इन दिनों में 24,69,243.3 करोड़ रुपये की गिरावट है, जब इक्विटी में तेज गिरावट के कारण बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का बाजार पूंजीकरण 5 ट्रिलियन डॉलर के निशान से नीचे चला गया.

इस महीने विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली ने 20,000 करोड़ रुपये को पार कर लिया. जिससे बाजार (Share market) में निगेटिविटी देखने को मिली. इससे पहले शुक्रवार को सेंसेक्स 241.30 अंकों या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,378.91 पर बंद हुआ था. टीसीएस, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. जबकि, अडानी एंटरप्राइजेज, ट्रेंट, बीपीसीएल, बीईएल और पावर ग्रिड ने भारी नुकसान दर्ज किया.

शेयर बाजार में गिरावट के कारण

अमेरिकी बॉन्ड

अमेरिका में बॉन्ड यील्ड लगातार बेहतर हो रही है. इससे विदेशी निवेशक भारत जैसे बाजारों से पैसे निकाल कर अमेरिका जैसे बाजारों में लगा रहे हैं. जब तक विदेशी निवेशकों की बिकवाली नहीं रुकती, तब तक भारतीय बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी ही रहेगा. वहीं, हाल ही में जीडीपी में गिरावट और आय में कमी ने बाजार को भारी नुकसान पहुंचाया है.

विदेशी निकासी

वहीं, विदेशी निवेशकों ने ₹2,254.68 करोड़ मूल्य के शेयर बेचे. रूस के तेल निर्यात पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से रुपया डॉलर के मुकाबले नए निचले स्तर पर पहुंच गया, जिससे घरेलू इक्विटी बाजारों में भारी गिरावट आई. क्योंकि विदेशी निवेशक स्थानीय शेयर बाजार से दूर होते जा रहे हैं. सभी क्षेत्रों में बिकवाली के साथ-साथ मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भारी निकासी ने बाजार (Share market) नुकसान पहुंचाया.

रुपया कमजोर

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. यह सोमवार को शुरुआती कारोबार में 27 पैसे कमजोर होकर 86.31 रुपये पर आ गया है. रुपये के कमजोर होने का मतलब है कि निर्यात की लागत बढ़ जाएगी. इससे जरूरी चीजों के दाम बढ़ जाएंगे. इसका असर भी मार्केट (Share market) देखने को मिला.

तेल में तेजी

ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़कर चार महीने से अधिक समय में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. जो रूसी तेल पर व्यापक अमेरिकी प्रतिबंधों और शीर्ष खरीदारों भारत और चीन को निर्यात पर अपेक्षित प्रभावों से प्रेरित था. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने घरेलू मुद्रास्फीति अहम भूमिका निभाई है.

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