क्या है Strait of Hormuz जिसके बंद होने पर कच्चे तेल के दामों में आ जाएगी दोगुनी उछाल!
स्ट्रेट ऑफ होर्मुज रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी संकरे समुद्री मार्ग के जरिए पूरी दुनिया में कच्चे तेल LNG की सप्लाई होती है. ईरान का इसपर नियत्रंण है और इस बात की आशंका जताई जा रही है कि ईरान इसका हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है.;
ईरान और इजरायल लगातार एक दूसरे पर बैलेस्टिक मिसाइल और रॉकेट दाग रहे हैं. इन दोनों देशों के बीच जारी युद्ध के चलते मिडिल ईस्ट में पल-पल तेजी के साथ तनाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पूरी दुनिया की नजर इस बात पर है ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait of Hormuz) को लेकर क्या फैसला लेता है? स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को पूरी दुनिया में ऑयल सप्लाई का लाइफलाइन और Artery भी कहा जाता है. स्ट्रेट ऑफ होर्मुज ही वो समुद्री मार्ग है जिसके जरिए पूरे विश्व में खपत होने वाले 20 फीसदी कच्चे तेल की सप्लाई की जाती है.
Strait of Hormuz को हथियार बना सकता है ईरान
Strait of Hormuz पर ईरान का नियंत्रण है. दुनियाभर में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है खाड़ी में जारी इस तनाव ने व्यापक रूप धारण कर लिया तो पूरी दुनिया को क्रूड ऑयल सप्लाई करने वाली ये धमनी यानी Artery पर असर पड़ सकता है. पेट्रोलियम सेक्टर के जानकार नरेंद्र तनेजा के मुताबिक, "इस बात का डर हमेशा से बना रहता है कि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को ईरान हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है." उन्होंने कहा, पूरी दुनिया में खपत होने वाला कुल 20 फीसदी कच्चा तेल स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के रास्ते सप्लाई होता है. ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में विस्फोटक लगाकर या अपने जहाज को बीच में लगाकर इस रास्ते आने जाने वाले तेल टैंकरों की सप्लाई को बाधित कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि वो दूसरे देशों के टैंकरों को मार गिराये.
Strait of Hormuz अगर 2 हफ्ते भी बंद रहा, कच्चे तेल में लगेगी आग
शुक्रवार 13 जून के तड़के जैसे ही इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला बोला उस दिन कच्चे तेल के दामों में 12 फीसदी का उछाल देखा गया है और कच्चे तेल के दामों ने 77 डॉलर प्रति बैरल तक छलांग लगा दिया. लेकिन कमोडिटी एक्सपर्ट्स की मानें तो ये युद्ध लंबा खींचा तो कच्चे तेल के दामों में और भी तेजी आ सकती है. नरेंद्र तनेजा के मुताबिक इस तनाव के दौरान केवल 2 हफ्ते के लिए भी ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर दिया तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 150 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है. जिससे पूरे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट खड़ा हो सकता है.
भारत पर पड़ेगा क्या असर?
भारत अपने कच्चे तेल के कुल खपत का 80 फीसदी आयात करता है. नरेंद्र तनेजा के मुताबिक भारत इराक, कुवैत और सऊदी अरब से कच्चा तेल आयात करता है तो कतर से प्राकृतिक गैस (LNG) इंपोर्ट करता है जो स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के रास्ते ही भारत इंपोर्ट होकर आता है. ऐसे में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज भारत के लिए भी रणनीतिक तौर पर बेहद मायने रखता है.
क्यों स्ट्रेट ऑफ होर्मुज है ऑयल सप्लाई की Artery
स्ट्रेट ऑफ होर्मुज Persian Gulf और Gulf of Oman के बीच एक संकरा समुद्री मार्ग है. Persian Gulf से अरब महासागर तक पहुंचने का यही एक समुद्री रास्ता है और पूरी दुनिया के लिए रणनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण चोक प्वाइंट्स के तौर पर जाना जाता है. स्ट्रेट ऑफ होर्मुज की चौड़ाई करीब 39 से 70 किलोमीटर के बीच में है और 167 किलोमीटर लंबा है. ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के उत्तर में स्थित है. इसके दक्षिण में संयुक्त अरब अमीरात और ओमान है. स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और एनर्जी सप्लाई के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है. ईरान और इजरायल के बीच य़ुद्ध शुरू होने पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) भी इसके प्रभावों को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं.