मोटर बीमा में प्रीमियम का नहीं लगेगा झटका, IRDA ने किए बड़े बदलाव

जिस तरह से हम सभी खुद का बीमा कराते हैं ताकि मुश्किल समय में आर्थिक बोझ ना पड़े. वैसे ही गाड़ियों का भी बीमा कराया जाता है.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-04-29 05:48 GMT

इसमें कोई दो मत नहीं कि जीवन अनिश्चितताओं से भरा हुआ है. अगर आप की फाइनेंसियल स्थिति औसत हो और दुर्भाग्य से हादसा हो जाए तो परिवार सड़क पर आ जाता है. इस तरह की स्थिति से बचने के लिए जीवन बीमा कराने की सलाह दी जाती है. आप एक निश्चिक रकम निश्चित समय के लिए निवेश करके संभावित खतरों से अपने परिवार को बचा सकते हैं. लेकिन यहां बात हम गैर जीवन बीमा की करेंगे यानी बात मोटर, प्रॉपर्टी और एक्सीडेंटल इंश्योरेंस पॉलिसी की होगी. भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण यानी इरडा ने इसमें बड़े बदलाव किए है, इरडा द्वारा नियमों में बदलाव के बाद एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब प्रीमियम सस्ता हो जाएगा. यानी कि बीमाधारकों को सबसे अधिक फायदा होने वाला है. पहले बात करते हैं मोटर बीमा की.

ताकि आर्थिक बोझ ना पड़े

जब आप अपने गाड़ी को सड़क पर उतारते हैं तो एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है. अब यदि आपकी गाड़ी हादसे की शिकार हो जाए तो उसका मतलब है कि रिपेयर में खर्च करना होगा. अगर आप की गाड़ी का बीमा है तो खर्च इंश्योरेंस कंपनी वहन करती है लेकिन उसके लिए आप को साल भर की प्रीमियम एक साथ अदा करनी होती है और हर एक साल रिन्यू कराने के लिये प्रीमियम की रकम अदा करनी पड़ती है. अगर आप की गाड़ी हादसे का शिकार हुई तो आप की जेब ढीली नहीं होती है. लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपको प्रीमियम राशि के बदले कुछ नहीं मिलता. अभी तक की व्यवस्था में मोटर बीमा का कवरेज पूरे साल के लिए होता है.

क्या है प्रीमियम राशि ?

नई व्यवस्था के तहत बीमा की प्रीमियम राशि कम रखी गई है. यही नहीं अब यह भी विकल्प होगा कि आप कितने समय के लिए बीमा खरीदना चाहते हैं. इसका अर्थ यह है कि अगर आप साल में जितने महीने गाड़ी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उसके हिसाब से बीमा की खरीद कर सकते हैं.इसके अलावा ऐसे भी गाड़ी चालक होते हैं जो बड़े नुकसान के लिए ही बीमा लेने चाहते हैं. नई व्यवस्था के तहत वो ऐसा कर सकते हैं, इससे बड़ा फायदा ये होगा कि प्रीमियम में कमी आएगी. इसके अलावा अब आप प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ के लिए बीमा पॉलिसी ले सकते हैं. बदलते समय के साथ मोटर बीमा योजना में बदलाव होते रहे हैं. जरूरत सिर्फ इस बात की है कि आप जागरुक बने रहें.

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