स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को साफ निर्देश, डिस्चार्ज के तीन घंटे के भीतर करें सेटलमेंट

अस्पतालों में आप अक्सर कैशलेस इलाज के अप्रूवल और डिस्चार्ज के समय मुश्किलों का सामना करते होंगे. लेकिन इरडा ने अब इस मामले में समय सीमा तय कर दी है.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-05-30 09:47 GMT
स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को इरडा का निर्देश

Health Insurance News: अगर आप सेहत से दुरुस्त हैं तो समझिए कि आपके पास कीमती खजाना है. लेकिन ऐसा कम ही हो पाता है. अगर आप किसी बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए तो सेविंग्स तेजी से खत्म होने लगती है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस विकल्प है. हालांकि आपने महसूस किया होगा कि फॉर्मैलिटी करने में तरह तरह की दिक्कत आती है. मसलन आपके पास बीमा है लेकिन अप्रूवल आने में देरी. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी घंटों आपको बेड पर ही रहना पड़ जाता है वजह अप्रूवल. लेकिन अब बीमा नियामक एजेंसी इरडा ने साफ कर दिया है कि इंश्योरेंस कंपनियों को कैशलेस अप्रूवल एक घंटे में देना होगा. यही नहीं डिस्चार्ज प्रक्रिया में भी तीन घंटे से अधिर वक्त नहीं लगना चाहिए.

3 घंटे के भीतर सेटलमेंट जरूरी

इरडा का कहना है कि बीमा कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वो मरीज और उसके तीमारदार को किसी तरह की परेशानी ना होने दे.अब नई व्यवस्था के तहत जैसे ही इश्योरेंस कंपनी को डिस्चार्ज रिसिट मिलेगी उसे तीन घंटे के अंदर सेटलमेंट को क्लीयर करना होगा. इरडा ने 29 मई 2024 को इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है. अगर डिस्चार्ज होने के तीन घंटे के भीतर सेटलमेंट नहीं होता है तो अस्पताल द्वारा चार्ज किए गए किसी अन्य खर्च का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा ही किया जाएगा.

कैशलेस पर एक घंटे के भीतर लें निर्णय
यहां एक बड़ा सवाल यह है कि अगर बीमाधारक मरीज की मौत हो जाए तो क्या होगा, इस स्थिति में बीमा कंपनी को स्पष्ट निर्देश है कि ऐसी सूरत में सेटलमेंट का काम तत्काल शुरू करना होगा. इसके साथ ही मृतक के शरीर को जल्द से जल्द अस्पताल से निकालना होगा. इसके साथ ही अगर कोई इमरजेंसी जैसी स्थिति बनती है तो उस सूरत में बीमाकर्ता के आग्रह पर एक घंटे के अंदर कैशलेस इलाज पर फैसला लेना होगा.इरडा ने इसके लिए बीमा कंपनियों को 31 जुलाई का वक्त भी दिया है. इसके लिए अस्पताल के अंदर ही हेल्प डेस्क बनाने के लिए कहा गया है. 

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