SEBI से भिड़ी अमेरिकी फर्म जेन स्ट्रीट, कहा- साख खराब की गई
SEBI ने जेन स्ट्रीट पर भारतीय बाजार में हेरफेर का आरोप लगाया और $567 मिलियन जब्त किए। फर्म ने आरोपों को भड़काऊ बताया और कानूनी लड़ाई की घोषणा की।;
अमेरिका स्थित ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने भारत की वित्तीय नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा उस पर लगाए गए बाजार हेरफेर के आरोपों को चुनौती देने की तैयारी कर ली है। फाइनेंशियल टाइम्स की सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने इन आरोपों को बेहद भड़काऊ बताते हुए गहरा असंतोष व्यक्त किया है।
कंपनी ने कर्मचारियों को भेजा सख्त संदेश
रविवार को जेन स्ट्रीट ने अपने करीब 3,000 कर्मचारियों को एक ज्ञापन (मेमो) भेजा, जिसमें प्रबंधन ने कहा कि वे बेहद निराश हैं और इन आरोपों को खारिज करने के लिए औपचारिक प्रतिक्रिया तैयार कर रहे हैं। हमारे फर्म को इस तरह से गलत तरीके से चित्रित किया जाना बेहद दुखद है। हम विश्वभर के बाजारों में अपनी भूमिका पर गर्व करते हैं, और यह पीड़ादायक है कि इतनी गलत और अप्रमाणित बातों पर आधारित रिपोर्ट से हमारी साख को ठेस पहुंचाई गई है।
SEBI ने लगाया बड़ा जुर्माना, 567 मिलियन डॉलर जब्त
शुक्रवार को SEBI ने जेन स्ट्रीट पर भारतीय बाजार में प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी और कंपनी के 567 मिलियन डॉलर (करीब 4700 करोड़ रुपये) के फंड जब्त कर लिए। SEBI अब जेन स्ट्रीट के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा रहा है और इस जांच में अन्य इंडेक्स और एक्सचेंज को भी शामिल किया जा रहा है, यह जानकारी एक सूत्र ने रॉयटर्स को दी।
कंपनी ने SEBI के साथ संवाद की कोशिश की, पर नतीजा नहीं निकला। ज्ञापन में आगे कहा गया हम इस प्रक्रिया से यह समझ कर निकले थे कि हमने सेबी की चिंताओं को समझा है और उसके अनुसार अपने ट्रेडिंग व्यवहार में बदलाव किए हैं। फरवरी से हम लगातार SEBI के साथ संवाद की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हर बार हमें ठुकरा दिया गया।
आरोप
जानबूझकर बैंक निफ्टी को सुबह सपोर्ट देकर हेरफेर किया। SEBI का आरोप है कि जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी इंडेक्स के स्टॉक्स को कैश और फ्यूचर्स मार्केट में बड़े पैमाने पर खरीदकर सुबह के कारोबार में इंडेक्स को कृत्रिम रूप से सहारा दिया, जबकि उसी समय इंडेक्स ऑप्शन्स में बड़े पैमाने पर शॉर्ट पोजिशन बनाए गए थे,जिसे जानबूझकर बाजार को प्रभावित करने की रणनीति बताया जा रहा है। SEBI के अध्यक्ष ने कहा कि डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में हेरफेर को लेकर निगरानी को और कड़ा किया जा रहा है।
जेन स्ट्रीट का पलटवार
पहले जारी प्रतिक्रिया में जेन स्ट्रीट ने SEBI के अंतरिम आदेश के निष्कर्षों को नकारा था और कहा था कि वे नियामक से आगे संवाद करने के लिए तैयार हैं।रिपोर्ट के अंत में बताया गया कि SEBI और जेन स्ट्रीट दोनों ने रॉयटर्स की टिप्पणी मांगने पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी।
जेन स्ट्रीट और SEBI के बीच यह टकराव भारत के पूंजी बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की भूमिका, नियामकीय सख्ती और पारदर्शिता के स्तर पर गंभीर बहस को जन्म दे सकता है। आगामी हफ्तों में यह मामला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय हलकों में सुर्खियों में बना रह सकता है।