Wealth Migration: भारत की तेज आर्थिक तरक्की, फिर क्यों अमीर भारतीय छोड़ रहे हैं देश?
Millionaire Migration: यह बातें संकेत देती है कि भारत आमतौर पर टैक्सेशन और बेहतर जीवनशैली की खोज में HNWIs को खो सकता है, लेकिन नई अमीरी पैदा भी कर रहा है.;
Indian Millionaires Abroad: भारत की तेज आर्थिक उन्नति के साथ-साथ अमीर नागरिकों का पलायन भी तेजी से बढ़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2025 में अनुमानित 3,500 भारतीय मिलियनेयर में देश छोड़ सकते हैं. ये संख्या 2023 में 5,100 और 2024 में 4,300 थी.
टैक्स दबाव
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने Q1 FY25 में ₹20,000 करोड़ बकाया कर वसूली की, जिसमें ₹17,244 करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स और ₹2,714 करोड़ व्यक्तिगत टैक्स शामिल हैं. आक्रामक कर वसूली के लक्ष्यों के चलते भारत छोड़ने का रुझान बढ़ा है.
अर्थव्यवस्था का तेजी से फॉर्मलाइजेशन
UPI लेनदेन ने वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाई; FY24–25 में ₹261 लाख करोड़ तक पहुंचा, 41% साल-दर-साल वृद्धि . GST, JAM Trinity, Udyam पोर्टल जैसी पहलों से टैक्स अनुपालन ने सीमा पीछे धकेल दिया.
क्रिप्टोकरेंसी बैन
भारतीय सरकार ने VDA (Virtual Digital Asset) पर 30% कैपिटल गेन टैक्स और 1% TDS लागू किया, जिससे क्रिप्टो निवेशों की आकर्षकता घट गई.
वैश्विक जीवनशैली
माडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 22% अमीर भारतीय बेहतर जीवनशैली, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा की तलाश में देश छोड़ने के इच्छुक हैं. विदेशी राजनयिक वीजा जैसे “Golden Visa” देशों में स्थायी निवास और कर लाभ की सुविधा देते हैं.
प्रमुख डेस्टिनेशन
यूएई 2025 में अनुमानित 9,800 HNWIs का घरेलू प्रवाह आकर्षित करेगा — यह वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक है. संयुक्त राज्य अमेरिका— लगभग 7,500 अमीर भारतीय यहां स्थायी निवास को चुन सकते हैं, खासकर EB‑5 और संभावित Trump Gold Card VIsa की राह से. इसके अलावा पुर्तगाल, सिंगापुर, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसी जगहें भी आकर्षक स्थायी वीजा विकल्प प्रदान करती हैं.
Trump Gold Card
ट्रंप का प्रस्ताव Gold Card कार्यक्रम पांच मिलियन डॉलर निवेश पर अमेरिका में स्थायी रहने का अधिकार देगा—यह प्रस्तावित नागरिकता मार्ग EB‑5 की जगह ले सकता है. इस कार्यक्रम के पांच दिनों में ही 68,000 से अधिक लोगों ने waiting list पर नाम दर्ज कराया. लेकिन कानूनी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह अभी भी बिल नहीं बना है; कांग्रेस की मंज़ूरी के बिना लागू नहीं हो सकता.
आर्थिक वर्चस्व की दिशा
ग्लोबली 2025 में 142,000 से अधिक HNWIs प्रवास करेंगे, जो रिकॉर्ड स्तर है. ब्रिटेन, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में अमीरों का पलायन जारी है, लेकिन भारत का प्रवास कुछ कम प्रतीत होता है. भारत में 2014 से 2024 तक मिलियनेयर में 72% की वृद्धि हुई है, जिससे प्रवास प्रभाव सीमित हुआ है.
खो रहा है या निवेशकों का भारत?
यह प्रवृत्ति संकेत देती है कि भारत आमतौर पर निम्न कराधान और बेहतर जीवनशैली की खोज में HNWIs को खो सकता है, लेकिन नई अमीरी पैदा भी कर रहा है. नीति निर्माताओं के लिए यह चुनौती है कि कैसे प्रतिभा और पूंजी को रोकें और देश में निवेश को बढ़ाएं?