PPF खातों में नॉमिनी को लेकर सरकार ने दी बड़ी राहत, जानें वित्त मंत्री ने क्या कहा

सरकार के संज्ञान में ये बात सामने आई थी कि वित्तीय संस्थान PPF खातों में नॉमिनी का नाम अपडेट करने के लिए चार्ज वसूलते हैं. जिसके बाद इसे खत्म कर दिया गया है.;

Update: 2025-04-04 07:05 GMT
PPF

Public Provident Fund: पीपीएफ (PPF) यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए राहत की खबर है. पीपीएफ निवेशकों को अब से अपने खाते में नॉमिनी का नाम अपडेट करने के लिए कोई फीस नहीं देना होगा. केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए ये जानकारी दी है.

पीपीए खातधारकों को राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, हाल में सरकार के संज्ञान में ये बात सामने आई है कि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस पब्लिक प्रॉविडेंट फंड अकाउंट्स (Public Provident Fund) में नॉमिनी का नाम अपडेट या मोडिफाई करने के लिए फीस वसूल रहे हैं. जिसके बाद सरकारी बचत प्रचार सामान्य नियम ( Government Savings Promotion General Rules 2018) में आवश्यक संशोधन कर इस दिशा में जरूरी बदलाव किया है. वित्त मंत्री ने बताया कि 2 अप्रैल 2025 को इसे लेकर गजेट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है जिससे पीपीएफ खातों के लिए नॉमिनी के नामों में बदलाव के अपडेट किए जाने पर कोई चार्ज नहीं देना होगा. वित्त मंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा कि, हाल ही में पारित बैंकिंग संशोधन विधेयक 202 के तहत बैंक खाताधारक डिपॉजिट रखे गए रकम, बैंक लॉकरों में सुरक्षित रखे गए वस्तुओं के भुगतान के लिए अधिकतम 4 व्यक्तियों को नॉमिनी बनाया जा सकता है.

कब मिलेगा पीपीएफ पर ज्यादा ब्याज

सरकार ने पीपीएफ खातधारकों के नॉमिनी के नाम अपडेट पर कोई चार्ज नहीं वसूले जाने को लेकर आदेश जारी कर दिया है लेकिन पीपीएफ निवेशक पिछले पांच सालों से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं. सरकार ने पिछले ढाई वर्षों में सभी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है लेकिन पीपीएफ (Public Provident Fund) के ब्याज दरों में वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही से कोई बदलाव नहीं किया गया है.

पीपीएफ पर 2018 के बाद नहीं बढ़ी ब्याज दरें

पब्लिक प्राविडेंट फंड पर अक्टूबर 2018 में ब्याज दरें बढ़ाई गई थी और इसे तब बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया गया था. लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 से इसे घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया था. सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है लेकिन पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर केवल 7.1 फीसदी ही ब्याज दर निवेशकों को मिल रहा है. 

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