RBI के पास 9 लाख करोड़ का 880 टन सोने का रिजर्व, 6 महीने में खरीदे 600 किलो गोल्ड
भारतीय रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक उसका गोल्ड रिजर्व वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में 880 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार कर लिया है.
देश के सेंट्रल बैंक आरबीआई के पास गोल्ड रिजर्व बढ़कर 880 टन पर जा पहुंचा है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के खत्म होने पर ये डेटा सामने आया है. सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते में ही आरबीआई ने 0.2 टन यानी 200 किलो सोना अपने खजाने में जोड़ा है. जबकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर में आरबीआई ने 600 टन सोना खरीदा है.
RBI के पास 9 लाख करोड़ का 880 टन सोना
भारतीय रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक उसका गोल्ड रिजर्व वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में 880 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार कर लिया है. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डेटा के मुताबिक, 10 अक्तूबर 2025 आरबीआई के गोल्ड रिजर्व का वैल्यू 102.365 बिलियन डॉलर यानी 9.0789 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है. पिछले कुछ महीनों में बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच ‘सुरक्षित निवेश’ माने जाने वाले सोने की मांग में तेज उछाल देखा गया है.
6 महीने में खरीदे 600 किलो सोना
दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने कोरोनाकाल के समय से भारी भरकम सोने की खरीदारी की है जिसमें आरबीआई भी शामिल है. सितंबर के अंत तक आरबीआई का कुल गोल्ड रिजर्व 880.18 मीट्रिक टन तक बढ़ गया, जो 2024-25 के अंत में 879.58 मीट्रिक टन था. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान आरबीआई ने 54.13 मीट्रिक टन सोना जोड़ा था.
सुरक्षित निवेश के लिए खरीद रहे सोना
आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बढ़ती वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितता रही, जिसने सुरक्षित निवेश की ओर झुकाव बढ़ाया है. इसके साथ ही, केंद्रीय बैंकों और निवेशकों द्वारा सोने को एक वित्तीय परिसंपत्ति (financial asset) के रूप में लगातार खरीदे जाने से भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. वैश्विक स्तर पर, सेंट्रल बैंकों ने अपनी रिजर्व में 166 टन सोना जोड़ा, जिससे मांग और बढ़ गई है.जुलाई से सितंबर तिमाही में सोने की कीमतें ऊँचे स्तर पर बनी रहीं और सितंबर - अक्तूबर में ये ऑलटाइम हाई पर जा पहुंची है.