RBI ने बदले गोल्ड लोन के नियम: जानिए आम आदमी पर क्या होगा असर
RBI के ये नए नियम गोल्ड लोन के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने का प्रयास हैं। हालांकि, ग्राहकों को इन बदलावों के प्रति जागरूक रहना आवश्यक है।;
भारत में गोल्ड लोन में तेजी से वृद्धि के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए नई गाइडलाइंस का मसौदा जारी किया है. इन नए नियमों का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
मुख्य बदलाव
1. लोन से मूल्य अनुपात (LTV) में कमी: पहले यह अनुपात 90% था, जिसे घटाकर 75% कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब ग्राहकों को कम लोन मिलेगा।.
2. सोने की शुद्धता मानक: अब केवल 22 कैरेट सोने को ही मान्यता दी जाएगी, चाहे ग्राहक 24 कैरेट सोना गिरवी रखें.
3. लोन की अधिकतम सीमा: अब एक ग्राहक अधिकतम 1 किलोग्राम सोने तक का लोन ले सकता है.
4. लोन के उद्देश्य की निगरानी: ऋणदाता यह सुनिश्चित करेंगे कि लोन का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्य के लिए ही किया जाए.
5. लोन न चुकाने पर दंड: अगर ग्राहक लोन चुकाने में देरी करता है तो उसे रोजाना ₹5,000 का दंड देना होगा.
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्री के. प्रभाकर के अनुसार, ये नए नियम ग्राहकों के लिए कठिनाइयां बढ़ा सकते हैं. उनका कहना है कि ये नियम पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालेंगे.
दक्षिणी राज्यों की प्रतिक्रिया
तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में सोने के लोन की परंपरा गहरी है. यहां की महिलाएं अक्सर कृषि लोन के लिए सोना गिरवी रखती हैं. इसलिए इन राज्यों में इन नए नियमों का विरोध बढ़ रहा है.