चांदी की चमक सोने को पीछे छोड़ रही, जानें क्या है वजह?

चांदी ने सोने को पीछे छोड़ते हुए 49.57 डॉलर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। औद्योगिक मांग, सप्लाई घाटा और फेड की नीतियां को खास वजह बताया जा रहा है।

Update: 2025-10-09 09:02 GMT

Silver Price Hike Reason: साल 2025 की शुरुआत में प्रति औंस 28.92 डॉलर पर पहुंची। चांदी ने 8 अक्टूबर को नए रिकॉर्ड 49.57 डॉलर तक का उच्च स्तर छू लिया था। इस वर्ष सोना 56 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि चांदी लगभग 69 प्रतिशत की उछाल के साथ अपने चार दशकों में से सबसे शानदार प्रदर्शन कर रही है।

उद्योग में बढ़ती मांग से तेजी

चांदी की इस उछाल का मुख्य कारण इसका विशेष पहचान है। यह न केवल कीमती धातु है बल्कि औद्योगिक धातु भी है। कुल मांग का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा उद्योगों की ओर जाता है, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेक्टर में। टाटा म्यूचुअल फंड के Silver Outlook (अक्टूबर 2025) रिपोर्ट के अनुसार, “बढ़ती निवेश और औद्योगिक मांग के साथ चीन में आर्थिक सुधार की उम्मीदें चांदी की कीमतों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हैं।

सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों में चांदी की मांग निरंतर बढ़ रही है क्योंकि कई देशों ने डीकार्बोनाइजेशन और क्लीन एनर्जी की ओर कदम बढ़ाए हैं।

फेड की नीतियां और डॉलर का असर

संयुक्त राज्य अमेरिका में मौद्रिक नीति में बदलावों ने भी चांदी को मजबूत किया है। 17 सितंबर को फेडरल रिजर्व द्वारा 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती ने चांदी की रैली को और बढ़ावा दिया। रिपोर्ट में कहा गया है, “यदि श्रम बाजार में कमजोरी बनी रहती है तो अक्टूबर में फेड द्वारा फिर 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना है।फेड की दर कटौती आम तौर पर डॉलर के अवमूल्यन में योगदान देती है, जिससे चांदी की मांग और कीमतों को समर्थन मिलता है।

आपूर्ति की कमी और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य

चांदी की कीमतों में वृद्धि का एक और कारण आपूर्ति का लगातार पांचवां साल का घाटा है। औद्योगिक खपत खानों के उत्पादन से तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे आपूर्ति और मांग में असंतुलन बना हुआ है।भारत में चांदी की लगभग 92 प्रतिशत मांग आयात के जरिए पूरी होती है। कमजोर रुपए के कारण घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है।

सोने की तुलना में चांदी की बेहतर प्रदर्शन

सोना-चांदी अनुपात (Gold-Silver Ratio) सितंबर में 85 के स्तर से गिरकर 81 तक पहुंच गया, जो चांदी के बेहतर प्रदर्शन का संकेत देता है। रिपोर्ट के अनुसार यह अनुपात और गिरकर 75 तक जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, मजबूत निवेश मांग, बड़े आपूर्ति घाटे और फेड की दर कटौती चांदी की कीमतों को तीन से पांच साल के मध्यम अवधि में समर्थन दे सकती हैं। चांदी सोने की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, खासकर चीन से मजबूत औद्योगिक मांग और वैश्विक आपूर्ति घाटे के चलते।

हालांकि, निवेशकों को अल्पकालिक उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक व मौद्रिक परिस्थितियों के प्रभाव से भी सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि चांदी का दोहरी भूमिका वाला स्वरूप इसे दोनों बढ़त या कमी के प्रति संवेदनशील बनाता है।

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