क्या अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा मंदी का संकट?
अमेरिका में मंदी कब तक दस्तक दे सकता है? कई अर्थशास्त्रियों और निवेशकों ने अमेरिका में मंदी को लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर की है.;
US Economy: अमेरिकी अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है. और जब भी अमेरिका में आर्थित विकास की रफ्तार धीमी होती है, तो दुनिया को उसके झटके महसूस होते हैं. ट्रंप टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार दबाव में है और भारत अमेरिका और चीन दोनों से गहराई से जुड़ा हुए हैं. ऐसे में अमेरिका में संभावित मंदी भारत में भी विकास दर को भी कम कर सकती है
कई अर्थशास्त्रियों और निवेशकों ने अमेरिका में मंदी को लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर की है. सवाल उठता है अमेरिका में मंदी कब तक दस्तक दे सकता है? कॉन्फ्रेंस बोर्ड का लीडिंग इकोनॉमिक इंडेक्स (LEI) में पिछले 18 महीनों में से कम से कम 15 बार गिरावट आई है. बोर्ड का कहना है कि विकास की मंदी तय है, हालांकि पूर्ण मंदी की आशंका नहीं है. नए मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर में कमजोरी देखी जा रही है तो उपभोक्ताओं की उम्मीदों से लेकर ब्लिडिंग परमिट्स में भी कमजोरी नजर आ रही है.
रॉयटर्स का 7 अप्रैल का अर्थशास्त्रियों का पोल के नतीजे के मुताबिक अगले 12 महीनों में मंदी की संभावना 45% है जो कि दिसंबर 2023 के बाद से सबसे अधिक है. टैरिफ से GDP अनुमान में 0.8% की गिरावट है तो बिजनेस सेंटीमेंट और कैपिटल एक्सपेंडिचर में भी गिरावट है. मूडीज़ एनालिटिक्स के मार्क ज़ैंडी ने ने मार्च 2025 में पॉडकास्ट में कहा, 2025 के अंत तक मंदी की संभावना 40% है. टैरिफ, घटती सरकारी मदद और सख्त क्रेडिट इसके लिए जिम्मेदार है.
ब्लूमबर्ग ओपिनियन के जॉन ऑथर्स के मुताबिक 2008 जैसी नीतिगत गलती की संभावना बढ़ रही है. उऩ्होंने चेतावनी दी कि NBER की पुष्टि का इंतज़ार करना ठीक नहीं. 15 महीने की गिरावट, टैरिफ से सप्लाई चेन पर झटका, और 2-10 साल की ट्रेजरी यील्ड में गहरी उलटी ढलान देखा जारहा है. ब्रिजवॉटर एसोसिएट्स के संस्थापक रे डालियो के मुताबिक, अमेरिका मंदी के बहुत करीब है. उन्होंने टैरिफ को “उत्पादन प्रणाली में पत्थर फेंकने जैसा” बताया और चेतावनी दी कि यदि इसे ठीक से नहीं संभाला गया तो यह “मंदी से भी बुरा” हो सकता है. डालियो के मुताबिक, सप्लाई चेन की कार्यक्षमता को नुकसान, बढ़ता अमेरिकी कर्ज, “वित्तीय व्यवस्था में टूट”, और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव 1930 के दशक से मिलते हैं.