कैसे Wazir X का निकला दिवाला, 44 लाख निवेशकों को अब भी रिटर्न का इंतजार

क्रिप्टो की दुनिया से जिस किसी भी निवेशक को थोड़ा बहुत भी नाता होगा उन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के बारे में पता होगा। सायबर अटैक के बाद 44 लाख निवेशकों को चपत लग गयी।;

Update: 2025-04-18 06:48 GMT

18 जुलाई 2024 की वो सुबह भारत के 44 लाख निवेशकों के लिए मनहूस सुबह साबित हुई। यह वही दिन था जब भारत का Web3 का सपना चकनाचूर हो गया।भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX पर साइबर हमला हुआ था। इसमें करीब 2,000 करोड़ रुपये की (करीब $234.9 मिलियन) की राशि क्रिप्टो करेंसी के रूप में थी जो 44 लाख भारतीयों की मेहनत की कमाई थी। जहां यह रकम हवा में गायब हो गई, वहीं WazirX प्रबंधन ने अपना प्लेटफॉर्म बंद कर दिया। यही नहीं भारतीय निवेशकों के 2500 रुपये करोड़ के फंड को पिछले 9 महीनों से होल्ड कर रखा है।

खुलती आंखें, बंद होते रास्ते

इस साइबर अटैक ने क्रिप्टो कम्युनिटी की आंखें खोल दीं। कई कयास और षड्यंत्र-थ्योरी सामने आईं कि यह हमला किसने किया, लेकिन सबसे ज़्यादा निराश हुए WazirX के यूज़र्स जिन्हें WazirX प्रबंधन, भारतीय पुलिस, सरकार, न्यायपालिका, और यहां तक कि मीडिया ने भी अकेला छोड़ दिया।इतने बड़े घोटाले के बावजूद, ना विपक्ष, ना ही वित्त मंत्रालय ने इस पर कोई खास रुचि दिखाई। क्रिप्टो से जुड़ी नकारात्मक छवि और नियमों की कमी ने यूज़र्स के लिए हालात और भी मुश्किल बना दिए हैं।

नई शुरुआत या नई साजिश?

7 अप्रैल 2025 को WazirX ने एक बड़ी घोषणा कीृ। 93.1% लेनदारों ने सिंगापुर में एक नई रीस्ट्रक्चरिंग योजना को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना के तहत 2025 के मध्य तक 85% फंड की रिकवरी का वादा किया गया है। बाकी रकम 2-3 साल में मिलने की बात है। अब इस योजना को सिंगापुर हाई कोर्ट की मंज़ूरी की ज़रूरत है। 13 मई 2025 को सुनवाई तय की गई है। अगर मंजूरी मिलती है, तो WazirX दोबारा रिलॉन्च होगा, और एक नया Decentralized Exchange (DEX) भी शुरू किया जाएगा।लेकिन... भरोसा टूटा हुआ है।यूज़र्स खुश नहीं हैं। जले हुए हैं। देख रहे हैं। पर चुप हैं।क्योंकि यह सिर्फ एक चोरी की कहानी नहीं है।यह एक पूरा कॉमर्शियल ड्रामा है।

सितारे की तरह शुरुआत फिर गिरावट 

WazirX हमेशा विवादों में नहीं था। एक समय यह भारत की क्रिप्टो इंडस्ट्री का सितारा था।बेहतरीन यूआई, मजबूत कम्युनिटी, और एक फाउंडर निशल शेट्टी, जिसने क्रिप्टो को डिनर टेबल तक लाया।निशल को भारत का CZ कहा जाने लगा। वह Web3 का प्रचारक बना।WazirX सिर्फ एक ऐप नहीं था, वह ब्लॉकचेन क्रांति का दरवाज़ा था।वह हर जगह मौजूद था: पॉडकास्ट, पैनल डिस्कशन, न्यूज़ चैनल।ट्रेडिंग को आसान बनाया, स्थानीय अनुभव दिया। और लोगों को वह "अपना सा" लगा।लेकिन जब सफलता जवाबदेही से दूर हो जाती है, तो वह बेहद नाज़ुक हो जाती है।WazirX की गिरावट ने यही साबित कर दिया।

वज़ीरएक्स का पतन

जब WazirX लगातार सुर्खियों में बना हुआ था, तब पर्दे के पीछे वह अनगिनत चुनौतियों से जूझ रहा था

रेगुलेटरी अनिश्चितता,

Binance के साथ मालिकाना विवाद,

कम्प्लायंस और सिक्योरिटी को लेकर उठते सवाल।

लेकिन किसी ने भी 18 जुलाई 2024 को आने वाले तूफ़ान की कल्पना नहीं की थी।एक सुनियोजित साइबर अटैक में, हैकर्स (जिनका कथित रूप से उत्तर कोरिया के Lazarus ग्रुप से संबंध बताया गया) ने WazirX के मल्टी-सिग वॉलेट की कमजोरी का फायदा उठाया।$235 मिलियन (₹2,000 करोड़ से अधिक) की क्रिप्टो करेंसी चुपचाप निकाल ली गई।

एक झटके में निकासी (Withdrawals) रोक दी गई,ट्रेडिंग ठप,कस्टमर सपोर्ट गायब।लोग सुबह उठे तो डैशबोर्ड खाली था, और अपडेट का नामोनिशान नहीं।चाहे किसी के पास ₹5,000 हों या ₹50 लाख—सबके साथ वही हुआ।

 ब्लेम गेम... फिर ख़ामोशी

गड़बड़ी का ज़िम्मा लेने के बजाय, शुरू हो गया इल्जामों का खेल शुरू हो गया। WazirX ने दोष मढ़ा Liminal पर (जो वॉलेट कस्टोडियन था)। Binance ने कहा—"हमारे पास ऑपरेशनल कंट्रोल ही नहीं था। निशल शेट्टी ने बेहद सावधानी से शब्दों को तौलते हुए बयान दिए। लेकिन मालिकाना विवाद फिर से गर्मा गया यूज़र्स? वो सबके बीच कहीं गुम हो गए। कुछ समय तक मीडिया ने कहानी उठाई फिर भूल गया। सरकार चुप रही। कानून-व्यवस्था? पहले से भी धीमी। कोर्ट्स ने याचिकाएं बिना सुनवाई के खारिज कर दीं।

यूज़र्स ने RTI दायर की, विधायकों से संपर्क किया, हर रास्ता अपनाया—कुछ नहीं बदला। ED, NIA, SEBI, FIU—सबने कहा, "हम निगरानी कर रहे हैं। पर नतीजा? कुछ भी नहीं।

पर्दा उठा

ये सिर्फ़ एक एक्सचेंज नहीं था, ये पूरा सिस्टम थाये केवल एक हैक नहीं था—यह एक परीक्षा थी।और इसने दिखा दिया कि संस्थाओं की चुप्पी कितनी भारी होती है, WazirX के यूज़र्स ने जब मदद की गुहार लगाई, तो भारत की पूरी क्रिप्टो इंडस्ट्री ने मुंह फेर लिया।कोई नहीं बोला,कोई नहीं सड़कों पर उतरा,कोई विरोध नहीं हुआ। मीडिया, रेगुलेटर्स, और पूरे Web3 इकोसिस्टम की साख पर भी सवाल खड़े हो गए।ये एक बैग की चोरी नहीं थी ये था भरोसे की लूट।

अब हम कहां खड़े हैं?

WazirX फिर से उठना चाहता है।लेकिन अब यूज़र्स सपने देखने वाले नहीं रहे, वे हकीकत में जी रहे हैं।जले हुए हैं। सतर्क हैं।एक प्लान है।एक वोट पास हुआ है।कोर्ट में सुनवाई है 13 मई को कोर्ट का फ़ैसला तय करेगा कि यह एक नई शुरुआत होगी या एक और अधूरा सपना। फिलहाल, लाखों भारतीय निवेशक उम्मीद और अविश्वास के बीच झूल रहे हैं।

Tags:    

Similar News