बेंगलुरु की फर्जी एजेंसी ने लूटा भरोसा, विदेश भेजने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी
इस कार्य-प्रणाली में मेडिकल टेस्ट करना, दस्तावेज और चेक एकत्र करना शामिल था। इन सब बातों ने इस प्रक्रिया को प्रामाणिकता प्रदान की।;
बेंगलुरु की एक फर्जी जॉब एजेंसी ने तमिलनाडु के 300 से ज़्यादा युवाओं को विदेश में नौकरी का झांसा देकर करीब 5 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। "Just Set Journeys" नाम की कंपनी ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर युवाओं को लुभाया। कंपनी ने ऑस्ट्रिया, लक्ज़मबर्ग और आयरलैंड जैसे देशों में अच्छी सैलरी वाली नौकरी का वादा किया। हर व्यक्ति से ₹1.5 लाख से ज़्यादा पैसे लिए गए, कुछ से दो बार भी। इतना ही नहीं, कंपनी ने मेडिकल टेस्ट, दस्तावेज़ और चेक भी लिए, जिससे सब कुछ असली लग रहा था।
कंपनी अचानक गायब
पीड़ितों का कहना है कि जब वो नौकरी की अपडेट जानने पहुंचे, तब तक कंपनी ने अपना बेंगलुरु ऑफिस बंद कर दिया था। ना फोन लगते हैं, ना ईमेल का जवाब आता है। सेलन, एक पीड़ित ने बताया कि मैंने लक्ज़मबर्ग की नौकरी के लिए आवेदन किया था और एक दिन पहले ही अपडेट मांगा था। उसके अगले दिन कंपनी गायब हो गई।
गांव के बेरोजगारों को निशाना
धोखाधड़ी का शिकार ज़्यादातर युवक तमिलनाडु के ग्रामीण ज़िलों जैसे धर्मपुरी, कृष्णगिरि और रानीपेट से हैं। ये लोग विदेश जाने के सही तरीके नहीं जानते और नौकरी के लालच में एजेंसी की बातों में आ जाते हैं। बहुत से लोग एजेंसी को पैसे देने के लिए कर्ज़ तक ले लेते हैं। जयसूर्या, 23 वर्षीय युवक ने कहा कि मैं अकाउंटिंग की नौकरी ढूंढ रहा था। एजेंसी ने गोदाम में काम के लिए ₹1.5 लाख में ऑस्ट्रिया भेजने का वादा किया। अगले दिन ऑफिस बंद हो गया।
उम्मीद टूटी
इमरान, 35 साल के व्यक्ति ने तो अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी एजेंसी के भरोसे। उन्होंने कहा कि पहले ₹1.5 लाख दिए, फिर कहा गया कि आवेदन रिजेक्ट हो गया है, दोबारा पैसे देने होंगे। बाद में एजेंसी ने संपर्क तोड़ दिया।
पुलिस में शिकायत
पीड़ितों ने बेंगलुरु पुलिस से शिकायत की है और कंपनी के खिलाफ जांच की मांग की है। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों ने सरकार से ऐसी फर्जी कंपनियों पर सख्त कानून बनाने की मांग की है।
जागरूकता की जरूरत
वलारमथी, एक वर्कर्स वेलफेयर संस्था की प्रमुख ने बताया कि गांव के मजदूरों को असली-नकली नौकरी का फर्क नहीं पता। वे मजबूरी में झांसे में आ जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं। तमिलनाडु में लगभग 18 लाख अकुशल (Unskilled) मजदूर हैं। हर साल विदेश में नौकरी दिलाने वाली एजेंसियों से जुड़े ठगी के मामलों में इजाफा हो रहा है।
- 2022 में: 22 शिकायतें
- 2023 में: 25 शिकायतें
- 2024 में: 40 शिकायतें
- 2025 (अब तक): 9 शिकायतें
राजकुमार एम, तमिलनाडु के प्रोटेक्टर ऑफ इमीग्रेंट्स ने बताया कि धोखाधड़ी करने वाली एजेंसियां दूर-दराज से काम करती हैं और उनका विदेश में भी नेटवर्क होता है।
विदेश जाने से पहले ये ज़रूर जांच
1. सरकारी वेबसाइट [emigrate.gov.in](https://emigrate.gov.in) पर एजेंसी की जानकारी चेक करें।
2. काम के लिए वीज़ा (Work Visa) ही लें, टूरिस्ट वीज़ा नहीं।
3. फर्जी रिव्यू और सोशल मीडिया विज्ञापनों से सावधान रहें।
4. किसी भी पेमेंट से पहले डॉक्यूमेंट और अनुमति पत्र अच्छे से जांचें।
विदेश मंत्रालय अब जागरूकता अभियान चला रहा है, ताकि मजदूरों को सही जानकारी मिल सके और वे ठगी से बच सकें। तमिलनाडु में अभी करीब 200 रजिस्टर्ड एजेंसियां हैं. जबकि देशभर में लगभग 2,000।