सलमान खान की हत्या की साजिश फेल होने पर रची गयी थी सिद्दीकी की हत्या : रिपोर्ट
कथित मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम, बाबा सिद्दीकी के बेहोश होने के बाद 20 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद रहा.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-16 12:52 GMT
Baba Siddique Murder Case : मुंबई में हुई एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में बेहद सनसनीखेज खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश उस समय रची गयी, जब सलमान खान को मारने का प्लान फ़ैल हो गया. इतना ही नहीं मुंबई पुलिस सूत्रों ने ये भी कहा बाबा सिद्दीकी हत्या के मामले में एक और संदिग्ध शुभम लोनकर ने छत्तीसगढ़ में हथियार चलाने का प्रसिक्षण लिया था, जिसके सम्बन्ध में ये कयास लगाये जा रहे हैं कि उसने माओवादी कैंप से हथियार चलाने का प्रसिक्षण लिया हो सकता है.
सलमान खान के बंगले पर हमले के 10 दिन रची गयी बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि अप्रैल में जब सलमान खान के घर पर गोलीबारी की गयी थी तो उनमें सलमान खान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था. इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग को काफी निराशा महसूस हुई. इस घटना के लगभग 10 दिन बाद ही गैंग ने बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी.
दरअसल लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस बात का निर्णय लिया कि सलमान खान के करीबी लोगों को निशाना बनाया जाए. बाबा सिद्दीकी को निशाना बनाने की वजह उनका प्रभावशाली होना भी था, जो सलमान खान को कहीं न कहीं से कमजोर महसूस करवाने का एक माध्यम भी था.
डब्बा कालिंग से रची गयी साजिश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुंबई में अपराध शाखा के सूत्रों का दावा है कि सिद्दीकी की हत्या की योजना एक संचार प्रणाली का उपयोग करके बनाई गई थी, जिसे गिरोह "डब्बा कॉलिंग" कहा जाता है. इसमें धमकी देने के लिए एक दूसरे फोन ( डब्बा ) का प्रयोग किया जाता है. कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई प्रमुख गुर्गों को निर्देश देने के लिए इस प्रणाली का बड़े पैमाने पर उपयोग करता है. डब्बा फोन का सम्बन्ध कहीं न कहीं सेटेलाइट फोन से होता है.
सिद्दीकी की हत्या
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपराध शाखा के सूत्रों ने भी जानकारी दी है कि कथित तौर पर मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम, सिद्दीकी के बेहोश होने के बाद 12 अक्टूबर की हत्या के स्थान पर लगभग 20 मिनट तक मौजूद रहा. गौतम ने चुपचाप अपनी पिस्तौल, शर्ट और आधार कार्ड से भरा बैग फेंक दिया और भीड़ में शामिल हो गया.
फिर उसने अपने कपड़े बदले और घटनास्थल पर वापस जाकर देखा कि क्या हो रहा है. बाद में वो लीलावती अस्पताल गया और सिद्दीकी की मौत की पुष्टि की.
माओवादी संबंध?
इसके बाद वह कथित तौर पर कुर्ला रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गया और अपना मोबाइल फोन वहीं छोड़ गया, जो अभी तक बरामद नहीं हुआ है. पुलिस को कथित तौर पर यह भी पता चला है कि एक अन्य संदिग्ध शुभम लोनकर ने जुलाई में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पास के जंगलों में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था. अपराध शाखा के अधिकारियों को संदेह है कि एके-47 से लैस यह प्रशिक्षण माओवादियों द्वारा दिया गया था, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.