दिल्ली कार ब्लास्ट: I20 कार में भारी विस्फोटक होने के संकेत, मेवात में स्पेशल सेल की छापेमारी

कार के मैकेनिकल परिक्षण से ये बात सामने आयी है कि उसकी पीछे की कमानी बैठी हुई थी, जो ये दर्शाता है कि पिछली सीट और डिक्की में काफी वजन रहा होगा.

Update: 2025-11-13 01:43 GMT

Car Blast : दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, जिस हुंडई i20 कार में ब्लास्ट हुआ, उसकी पिछली सीट पर भारी मात्रा में विस्फोटक रखा गया था।

पुलिस के शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि कार में मौजूद यह “भारी सामान” दरअसल अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसा विस्फोटक पदार्थ था।

इसके साथ ही जाँच एजेंसियों को ये पता चला है कि इतनी भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट मेवात( हरियाणा के नूह और राजस्थान के अलवर वाले मेवात क्षेत्र ) से ख़रीदा गया था। इस विषय में मुज़म्मिल से लगातार पूछताछ की जा रही है।


कार के मैकेनिकल परीक्षण से बड़े सुराग

दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि धमाके के बाद कार के टुकड़े चारों तरफ बिखर गए थे, लेकिन मैकेनिकल परीक्षण से कार की असल स्थिति समझी जा रही है।

जांच के शुरुआती निष्कर्षों के मुताबिक —

कार के पिछले टायरों में हवा बहुत कम थी,

पिछली कमानियां (सस्पेंशन स्प्रिंग) पूरी तरह बैठ चुकी थीं,

यानी कार के पिछले हिस्से पर काफी वजन था।

यही वजह है कि जांचकर्ता मान रहे हैं कि कार की पिछली सीट या डिक्की में भारी मात्रा में विस्फोटक रखा गया था। साथ ही पीछे सीएनजी सिलिंडर भी लगा था, यानी भार क्षमता से अधिक था।

हालांकि, इसकी औपचारिक फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।


कार धीमी गति से ही चलाई गयी

दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार i20 कार को लेकर एक और अहम बात सामने आई है, वो ये कि फरीदाबाद से लेकर दिल्ली के लाल किले तक कार की गति धीमी ही रही। कार को तेज रफ़्तार में नहीं चलाया गया था। गति की बात करें तो 40 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ़्तार से ज्यादा तेज कार नहीं चलायी गयी। इसकी वजह कार में रखा ज्यादा भार या फिर चालक का कन्फ्यूज्ड रहना माना जा रहा है। संभव है कि चालक ये तय नहीं कर पा रहा था कि आखिर टारगेट कहाँ रखना है। यही वजह भी है कि कार से लाल किला पहुँचने के लिए इतना घुमा फिरा कर रूट लिया गया।


विस्फोटक का स्रोत मेवात या अलवर की खदानें?

जांच एजेंसियों को शक है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक हरियाणा से सटे राजस्थान के अलवर जिले से लाया गया हो सकता है। मेवात से लगे अलवर के इस हिस्से में कई अधिकृत खदानें हैं जहां ब्लास्टिंग के लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल और वैध बिक्री होती है। पुलिस टीम अब यह जांच कर रही है कि फरीदाबाद से बरामद यूरिया जैसे प्लास्टिक के कट्टों में मिला विस्फोटक कहीं इसी क्षेत्र से तो नहीं खरीदा गया। इस सन्दर्भ में डॉ मुज़म्मिल से भी लगातार पूछताछ जारी है। स्पेशल सेल की टीम डॉ मुज़म्मिल को दुकानों की फोटो और विडियो भी दिखा रही है, जिससे ये सपष्ट हो पाए कि किस दुकान से विस्फोटक ख़रीदा गया था। 

ANFO क्या है और कैसे करता है धमाका

अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) खदानों और निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाला शक्तिशाली औद्योगिक विस्फोटक है। यह पदार्थ जब टाइट पैक किया जाए और उसे थोड़ी सी चिंगारी या डिटोनेटर मिले, तो यह बेहद तेज़ी से धमाका करता है। अगर इसकी मात्रा ज्यादा हो, तो इसका विनाशकारी असर कई मीटर तक फैल सकता है।


i20 कार की पूरी टाइमलाइन — फरीदाबाद से दिल्ली तक

सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी के अनुसार, ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई i20 कार करीब 11 घंटे तक दिल्ली में घूमती रही।

कार की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं रही, जो इस बात का संकेत है कि पीछे भारी वजन था।

पुलिस द्वारा तैयार की गई टाइमलाइन इस प्रकार है —


समय स्थान गतिविधि

सुबह 7:30 बजे फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल के बाहर कार देखी गई

8:03 बजे बदरपुर टोल प्लाजा कार दिल्ली में दाखिल हुई

8:20 बजे ओखला इंडस्ट्रियल एरिया (मोदी मिल पेट्रोल पंप) कैमरे में कैद

8:30 बजे आश्रम चौक, महारानी बाग, DND फ्लाईओवर लगातार मूवमेंट

8:45 बजे ईस्ट दिल्ली – क्राउन प्लाज़ा, चिल्ला गांव दोबारा दिखाई दी

दोपहर 2:00 बजे कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन, डिलाइट सिनेमा कैमरे में कैद

3:19 बजे लाल किला – टी-5 पार्किंग एरिया में दाखिल अंदर पहुंची

6:48 बजे पार्किंग से बाहर निकली कुछ मिनट बाद धमाका हुआ

जांच की दिशा

फिलहाल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, NIA, जम्मू कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस मिलकर इस मामले की गहन जांच कर रही हैं।

फोकस अब मुख्य बिंदुओं पर है :-

विस्फोटक की सोर्सिंग: क्या ANFO मेवात–अलवर की खदानों से आया था?


जांच एजेंसियों को अब यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि यह धमाका कई स्तरों पर योजनाबद्ध आतंकी साजिश थी। विस्फोटक की भारी मात्रा, कार की धीमी रफ्तार, और मेवात-अलवर का औद्योगिक कनेक्शन, सभी मिलकर इस केस को देशव्यापी टेरर नेटवर्क की ओर इशारा कर रहे हैं। 


Tags:    

Similar News