डॉक्टर उमर-मुजम्मिल की डायरी में किस ''ऑपरेशन'' का ज़िक्र
अलफलाह यूनिवर्सिटी से मिली दोनों की डायरी में ‘ऑपरेशन’ शब्द बार-बार दर्ज, 8 से 12 नवंबर की तारीखों का भी जिक्र है, सुरक्षा एजेंसियों को मिले अहम सुराग।
Car Blast : दिल्ली में हुए धमाके की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। जांच टीम को डॉक्टर उमर और डॉक्टर मुजम्मिल की डायरी और नोटबुक मिली हैं, जिनमें कई ऐसे कोडवर्ड और तारीखें दर्ज हैं जो अब जांच की दिशा तय कर सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ये डायरी मंगलवार और बुधवार को अलफलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस में की गई तलाशी के दौरान बरामद की गईं। डॉक्टर उमर की डायरी उसके रूम नंबर-4 से मिली है, जबकि डॉक्टर मुजम्मिल की डायरी रूम नंबर-13 से बरामद हुई। इसके अलावा पुलिस को एक और डायरी उस कमरे से मिली है जो धौज इलाके में स्थित है, वही स्थान जहां से बीते दिनों 360 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। यह जगह यूनिवर्सिटी कैंपस से महज 300 मीटर की दूरी पर है।
एजेंसी सूत्रों ने बताया कि डायरी और नोटबुक में कई जगह कोडवर्ड्स का इस्तेमाल किया गया है। इनमें “ऑपरेशन”, “शिफ्ट”, “मैटेरियल”, “सेफ जोन” जैसे शब्द बार-बार दर्ज हैं। कुछ एंट्रियों में 8 से 12 नवंबर की तारीखों का उल्लेख भी किया गया है। यानी वही अवधि जब दिल्ली धमाका और उससे जुड़ी गतिविधियां हुईं।
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इन डायरी में धमाके की तैयारी, विस्फोटक के मूवमेंट और संभावित सहयोगियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग छिपे हो सकते हैं। इस वजह से इन दस्तावेजों को फॉरेंसिक टीम के हवाले किया गया है, जो हैंड राइटिंग, स्याही, पेज नंबरिंग और सीक्वेंस की तकनीकी जांच करेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डायरी में दर्ज कोड वर्ड्स की क्रॉस-रेफरेंसिंग मोबाइल चैट्स और सीसीटीवी मूवमेंट से की जा रही है। फिलहाल जो पैटर्न सामने आया है, उससे संकेत मिलते हैं कि ‘ऑपरेशन’ शब्द किसी प्लान्ड एक्टिविटी के लिए इस्तेमाल हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां अब यह भी खंगाल रही हैं कि क्या इन डायरी में दर्ज तारीखें उस समय से मेल खाती हैं जब I20 कार दिल्ली में घूमती देखी गई थी और बाद में लाल किले के पास विस्फोट हुआ था।
जांच टीमों ( एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और फरीदाबाद पुलिस ) ने यूनिवर्सिटी परिसर और धौज क्षेत्र में अतिरिक्त तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस इस संभावना से इंकार नहीं कर रही कि डायरी में दर्ज कोड शब्द किसी बड़े नेटवर्क या अगले चरण की योजना की ओर इशारा कर रहे हों।
20 लाख रूपये किये थे एकत्र
जाँच में ये भी सामने आया है कि लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये का फंड जुटाया था, जो उमर को सौंपे गए। बाद में उन्होंने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से IED तैयार करने के लिए 3 लाख रुपये मूल्य का 20 क्विंटल से ज़्यादा NPK उर्वरक खरीदा। ऐसी बात भी सामने आई है कि उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर कुछ विवाद भी हुआ था। उमर ने सिग्नल ऐप पर एक ग्रुप भी बनाया था, जिसमें 4 सदस्य थे 2-4 सदस्यों वाला एक ग्रुप बनाया था।
अल्फल्लाह अस्पताल के बॉयज होस्टल के एक विंग को किया गया सील
फरीदाबाद के अल्फल्लाह मेडिकल कॉलेज में बुधवार को जम्मू कश्मीर पुलिस, स्पेशल सेल, यूपी एटीएस, NIA और फरीदाबाद पुलिस की टीम पहुची थीं, जहाँ से न केवल कॉलेज प्रशासन से पूछताछ की गयी बल्कि कॉलेज कैंपस के कुछ हिस्सों में छापेमारी भी की गयी। जाँच टीमों के संज्ञान में ये भी आया है कि हॉस्टल में रहने वाले कुछ छात्र ख़ास तौर से बॉयज, डॉ उमर और डॉ मुज़म्मिल के संपर्क में थे। इन छात्रों को भी पूछताछ की जा रही है।
अल्फल्लाह मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने की थी डॉ उमर की मदद
फरीदाबाद से ही जो लाल रंग की इको सपोर्ट कार बरामद की गयी है, वो डॉ उमर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। वो दिल्ली के सीलमपुर इलाके में स्थित गौतमपुरी के पते पर रजिस्टर्ड करवाई गयी थी। जब पुलिस उस पते पर पहुंची तो मालूम हुआ कि उमर का उस पते से कोई लेना देना नहीं है। इसके बाद जब छानबिन की गयी तो मालूम हुआ कि उसी गली में दो लड़के रहते हैं, जो अल्फल्लाह मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं और वहीँ हॉस्टल में रहते हैं। उन दोनों ने ही डॉ उमर की मदद कार को रजिस्टर करवाने में की थी। दोनों छात्रों से भी पूछताछ की जा रही है, दोनों दो साल से मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे हैं।