उसे माफ नहीं कर सकते थे',गोल्डी बराड़ का सिद्धू मूसेवाला पर कबूलनामा
गोल्डी बराड़ ने BBC से बातचीत में सिद्धू मूसेवाला की हत्या को जायज़ ठहराया। बोला- उसने दुश्मनी की, कोई सुनवाई नहीं हुई, इसलिए गोली चलानी पड़ी।;
मई 2022 की एक देर दोपहर, पंजाब के मानसा ज़िले में सिद्धू मूसेवाला अपनी काली महिंद्रा थार एसयूवी चला रहे थे। यह उनका पैतृक गांव था, और उन्हें अंदेशा भी नहीं था कि यह सफर उनकी ज़िंदगी का आखिरी होगा। कुछ ही मिनटों में दो गाड़ियाँ उनका पीछा करने लगीं। अचानक एक गाड़ी ने उनकी गाड़ी का रास्ता रोक दिया, और फिर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार शुरू हो गई। उनकी एसयूवी पर सौ से अधिक गोलियां चलीं अब, इस जघन्य हत्या को दो साल से अधिक हो चुके हैं, और इस मामले के मुख्य आरोपी सतिंदरजीत सिंह उर्फ़ गोल्डी बराड़ ने बीबीसी को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में पहली बार हत्या की वजहों पर खुलकर बात की है।
गोल्डी बराड़ ने साक्षात्कार में कहा उसने (मूसेवाला ने) अपने घमंड में कुछ ऐसी गलतियाँ कीं जिन्हें माफ़ नहीं किया जा सकता था। हमारे पास उसे मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। या तो वो, या हम। बात इतनी ही सीधी थी। गोल्डी बराड़ पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब का रहने वाला है और जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी साथी माना जाता है। वह फिलहाल कनाडा से अपने आपराधिक नेटवर्क का संचालन कर रहा है और भारत सरकार ने उसे UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत आतंकवादी घोषित किया है। इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है और भारत में उस पर गैर-जमानती वारंट भी लंबित है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, बराड़ भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन के ज़रिए उच्च-श्रेणी के हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में शामिल है। वह प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी जुड़ा हुआ बताया गया है और पंजाब में कानून-व्यवस्था को अस्थिर करने की साजिशों जैसे टारगेट किलिंग, आतंकी मॉड्यूल की भर्ती, और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का हिस्सा बताया गया है।
मूसेवाला और बिश्नोई के बीच संबंध
गोल्डी बराड़ ने यह भी खुलासा किया कि सिद्धू मूसेवाला और लॉरेंस बिश्नोई एक-दूसरे के संपर्क में थे। सिद्धू उसे गुड मॉर्निंग और गुड नाइट के मैसेज भेजता था। वह लॉरेंस को खुश करना चाहता था। तनाव की शुरुआत एक कबड्डी टूर्नामेंट को लेकर हुई, जिसमें मूसेवाला ने कथित रूप से बराड़ के प्रतिद्वंदियों का समर्थन किया था। बराड़ के अनुसार वो गांव हमारे दुश्मनों का था और सिद्धू उनके पक्ष में था। तब लॉरेंस और बाकी लोग उससे नाराज़ हो गए।
विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या के बाद बिगड़े हालात
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई का साथी विक्की मिड्डूखेड़ा स्थिति को सुलझाने के लिए मध्यस्थ बना था। लेकिन अगस्त 2021 में मोहाली में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद मूसेवाला के खिलाफ नाराज़गी और भी गहरी हो गई। हर कोई जानता था कि सिद्धू का इसमें हाथ है । बराड़ ने कहा पुलिस, पत्रकार, सब जानते थे। उसका राजनीतिक प्रभाव, धनबल और रसूख हमारे दुश्मनों की मदद के लिए इस्तेमाल हो रहा था।
बराड़ ने दावा किया कि उन्होंने प्रशासन से मूसेवाला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने खुद कार्रवाई करने का फैसला किया। जब शालीनता से कही गई बात कोई नहीं सुनता, तब गोली ही सुनी जाती है। जब बीबीसी संवाददाता ने उनसे पूछा कि क्या यह न्याय था या कानून अपने हाथ में लेना, तो बराड़ ने भारत की न्याय प्रणाली को खारिज कर दिया। कानून, न्याय ये सब बस नाम की बातें हैं। सिर्फ ताकतवरों को इंसाफ़ मिलता है, आम लोगों को नहीं। मैंने जो किया, अपने भाई के लिए किया। मुझे कोई पछतावा नहीं है।