दिल्ली-एनसीआर में बड़ा नशा तस्करी नेटवर्क ध्वस्त: 27.4 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त
NCB और दिल्ली पुलिस ने गिरोह को पकड़कर 27.4 करोड़ रुपये मूल्य के मेथामफेटामाइन, MDMA और कोकीन बरामद किए और पांच लोगों को गिरफ्तार किया।;
Modi Government's Zero Tolerance Policy Against Drugs : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और दिल्ली पुलिस ने एक संयुक्त कार्रवाई को अंजाम देते हुए 27.4 करोड़ रूपये की ड्रग्स का जखीरा बरामद किया है। इस ऑपरेशन के तहत मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। सबसे अहम बात ये है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी है। इतना ही नहीं उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की बात को भी दोहराया है।
अमित शाह ने क्या कहा
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नशीली दवाओं के व्यापार के खिलाफ सरकार की सख्त नीति को दोहराते हुए कहा कि ड्रग्स के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी है। उन्होंने ‘X’ प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए कहा,
"मोदी सरकार की नशीली दवाओं के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत, दिल्ली-एनसीआर में एक बड़े नशा तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया है। एनसीबी और दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह को जकड़ लिया और 27.4 करोड़ रुपये मूल्य की मेथामफेटामाइन, एमडीएमए और कोकीन बरामद की तथा पाँच लोगों को गिरफ्तार किया। मैं इस महत्वपूर्ण सफलता के लिए एनसीबी और दिल्ली पुलिस की सराहना करता हूँ।"
ऑपरेशन की प्रमुख बातें
स्थान: छतरपुर, दिल्ली
सुराग: उच्च गुणवत्ता वाली मेथामफेटामाइन की संभावित तस्करी की सूचना
संयुक्त कार्रवाई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा
जब्ती: 5.103 किलोग्राम क्रिस्टल मेथामफेटामाइन (10.2 करोड़ रुपये)
गिरफ्तार: पाँच लोग, जिनमें चार अफ्रीकी नागरिक
गिरोह की विस्तृत जांच
तत्काल पूछताछ और तकनीकी जांच से खुलासा हुआ कि ड्रग्स पश्चिम दिल्ली के तिलक नगर स्थित एक अफ्रीकी किचन से लाई गई थी। वहां की तलाशी में:
- 1.156 किलोग्राम क्रिस्टल मेथामफेटामाइन,
- 4.142 किलोग्राम अफगान हेरोइन,
- 5.776 किलोग्राम एमडीएमए (एक्सटेसी पिल्स) जब्त की गई। इनकी कुल अनुमानित कीमत 16.4 करोड़ रुपये आंकी गई।
इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा के एक किराए के अपार्टमेंट की तलाशी के दौरान 389 ग्राम अफगान हेरोइन और 26 ग्राम कोकीन बरामद हुई।
गिरोह की कार्यप्रणाली
जांच से पता चला कि यह गिरोह अफ्रीकी युवाओं को नशा तस्करी में शामिल करने, उन्हें दिल्ली-एनसीआर और पंजाब के प्रमुख निजी विश्वविद्यालयों में छात्र वीजा दिलाने में सहायता करता था। कई मामलों में, वीजा केवल भारत में रहने के लिए एक बहाना था, जबकि वे मादक पदार्थों की आपूर्ति और क्रिप्टो लेनदेन में लिप्त थे। गिरोह के पिछले और भविष्य के संबंधों की गहन जांच जारी है।
एनसीबी की अपील
एनसीबी ने नागरिकों से अपील की है कि वे नशा तस्करी के खिलाफ इस लड़ाई में सहयोग करें। कोई भी व्यक्ति मादक पदार्थों की बिक्री से संबंधित जानकारी MANAS- राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन टोल-फ्री नंबर 1933 पर कॉल करके साझा कर सकता है।