रियासी में हुए आतंकी हमले में NIA ने की छापेमारी
जम्मू के राजौरी सेक्टर में पांच जगहों पर की गयी छापेमारी. NIA को कुछ सामग्री मिली है जो आतंकियों और OGW के बीच लिंक होने की बात को साबित करते हैं
NIA Search Raid: रियासी में 9 जून को तीर्थ यात्रियों की बस पर हुए हमले की जांच करते हुए NIA ने आज जम्मू कश्मीर के राजौरी में पांच जगहों पर छापेमारी की है. सूत्रों का कहना है की NIA को इन लोकेशन का पता उस समय चला जब इस हमले से जुड़े के व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद उनसे पूछताछ की गयी. जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, उस पर आरोप है कि उसने हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को लोगिस्टिक हेल्प उपलब्ध करवाई थी.
NIA ने आज राजौरी सेक्टर में जिन जगहों पर छापेमारी की है, वहां से कुछ सामग्री बरामद की गयी है. सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के दौरान आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स ( OGW ) के बीच सम्बन्ध स्थापित करने वाली कुछ सामग्री मिली हैं, जो इस मामले में अहम कड़ी सबूत हो सकती हैं.
क्या होता है ओजीडब्लू
OGW मतलब ओवर ग्राउंड वर्कर. ये वो लोग होते हैं, जो जम्मू कश्मीर में आम लोगों बीच रहकर आतंकियों के लिए काम करते हैं. किसी आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए ये ओजीडब्ल्यू आतंकवादियों के लिए जमीन तैयार करते हैं. उनके लिए मुखबिर का काम करते हैं. ये आतंकियों तक सुरक्षाबलों की सूचनाएं पहुंचाने के साथ ही उनके लिए हथियार, पैसा और सुरक्षित ठिकाने का बंदोबस्त करते हैं, या यूँ कहें कि उनकी लोजिस्टिक सपोर्ट में मदद करते हैं.
एक बच्चे समेत 9 लोगों की हुई थी मौत
ज्ञात रहे कि 9 जून को जब दिल्ली में नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद ले लिए लगातार तीसरी बार शपथ ले रहे थे तो उसी दौरान जम्मू के रियासी इलाके में आतंकियों ने तीर्थ यात्रियों की बस पर गोलीबारी की थी, जिसमें 1 बच्चे समेत 9 लोगों की मौत हो गयी थी. बस शिवखोड़ी से जम्मू लौट रही थी. इसके बाद 15 जून को गृह मंत्रालय ने मामले की जांच NIA को सौंप दी थी.
19 जून को हुई थी पहली गिरफ्तारी
इस मामले में 19 जून को हाकम खान को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक हाकम खान OGW है, जिसने हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को अपने घर में शरण दी थी. इसके बदले में उसे 6,000 रुपये मिले थे.