एक ही परिवार के तीन लोग पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट, गंवाए एक करोड़ रुपए

डिजिटल अरेस्ट को लेकर पुलिस और प्रशासन लगातार लोगों को आगाह कर रहा है। लेकिन साइबर फ्रॉड करने वालों के हौसले पस्त नहीं हो रहे।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-02-11 08:51 GMT

बदलते समय के साथ साथ अब अपराध का तरीका बदल रहा है। अब सबके हाथ में मोबाइल है। एक ओटीपी के खेल में कोई आबाद तो कोई बर्बाद हो जा रहा है। एक मैसेज में किसी की किस्मत बदल रही है तो कोई मेहनत की कमाई से हाथ धो बैठ रहा है। इनमें से एक है डिजिटल अरेस्ट। डिजिटल अरेस्ट को लेकर बार बार लोगों को आगाह किया जा रहा है कि वो किसी के झांसे में ना आएं। फिर भी लोग निशाना बन रहे हैं। नोएडा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक ही परिवार के तीन लोग पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रहे और एक करोड़ रुपये गंवा दिए।

पुलिस के अनुसार, उन्हें चंद्रभान पालीवाल से शिकायत मिली कि उन्हें 1 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने उन्हें भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से संपर्क करने के लिए कहा और उनके सिम कार्ड को ब्लॉक करने की धमकी दी।कॉल करने वाले ने शिकायतकर्ता को बताया कि उसका मामला मुंबई की साइबर अपराध शाखा के पास है और लगभग 10 मिनट बाद एक व्यक्ति ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी होने का दावा करते हुए मुंबई के कोलावा पुलिस स्टेशन से पालीवाल को 'वीडियो कॉल' किया, पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने कहा।

पालीवाल ने कहा कि नकली पुलिस अधिकारी ने उन पर पैसे ऐंठने का आरोप लगाया और कहा कि उनके खिलाफ अलग-अलग जगहों पर 24 मामले दर्ज हैं। डीसीपी ने कहा कि कॉल करने वाले ने यह भी कहा कि सीबीआई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है।  वीडियो कॉल आने के बाद उनकी पत्नी और बेटी को भी डिजिटली गिरफ्तार कर लिया गया। डीसीपी ने बताया कि फोन करने वालों ने धमकी दी कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यादव ने बताया कि शिकायतकर्ता ने पांच दिन में आरोपियों को 1.10 करोड़ रुपये दे दिए। मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।


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