दिल्ली के कापसहेड़ा में साढ़े 3 साल की बच्ची की अपहरण के बाद हत्या

पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से आरोपी की पहचान की पुख्ता, सीसीटीवी फूटेज की से हुआ खुलासा आरोपी ने महज 20 मिनट बच्ची की हत्या कर शव को नाले के पास सुखी दलदल में दबाया

Update: 2024-05-24 09:59 GMT

राजधानी दिल्ली में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां 34 साल के एक युवक ने पड़ोस में रहने वाली साढ़े 3 साल की बच्ची को अगवा करने के बाद उसकी हत्या कर शव को सूखी दलदल में दबा दिया. पुलिस का दावा है कि आरोपी ने ये सब महज 20 मिनट के अंदर अंजाम दिया. आरोपी फरार होकर कानपुर की बस में सवार हो चुका था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस का दावा है कि आरोपी की निशानदेही पर बच्ची का शव जब बरामद किया गया, तो आरोपी ने एक पुलिस कर्मी की पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी, गनीमत रही कि पुलिस कर्मियों का बचाव हो गया. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई, जो आरोपी के पैर में लगी. आरोप है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म भी किया गया है. इस पर पुलिस का कहना है कि बच्ची के शव का पोस्टमोर्टर्म मेडिकल बोर्ड से कराया गया है, रिपोर्ट में जो भी खुलासा होगा, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला

साउथ वेस्ट जिले के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि 22 मई की रात लगभग 8 बजकर 51 मिनट पर पुलिस को कपासहेड़ा इलाके से एक बच्ची के अपहरण की सुचना मिली. पीसीआर कॉल करने वाली महिला ने बताया कि एक युवक उनकी बेटी को अगवा करके ले गया है, उस युवक ने टी-शर्ट पहनी हुई है. पुलिस मौके पर पहुंची तो एक महिला ने बताया कि उनकी छोटी से बेटी को अनिल नाम का एक युवक अगवा करके ले गया है. बच्ची घर का नजदीक ही शाम के समय लगभग 6 बजे खेल रही थी. पुलिस ने तुरंत ही अपहरण का मामला दर्ज कर बच्ची की तलाश शुरू की. अनिल का पता लगाने में पुलिस की टीम लग गयीं.

सीसीटीवी में अनिल बच्ची के साथ दिखा

पुलिस का कहना है कि आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला गया. इस बीच एक कैमरे की फूटेज में अनिल बच्ची को ले जाता हुआ दिखा. वो शाम 7 बजकर 5 मिनट पर बच्ची को गंदे नाले के पास ले जा रहा है. इसके बाद पुलिस ने जब उसी कैमरा की फूटेज को और खंगाला तो वो 7 बज कर 25 मिनट पर गंदे नाले की तरफ से लौटता दिख रहा है, लेकिन वो अकेला होता है. बच्ची उसके साथ नहीं होती है. पुलिस तुरंत ही अनिल की तलाश तेज कर देती है.

टेक्निकल सर्विलांस की मदद से अनिल को पकड़ लिया जाता है

पुलिस की टीम अनिल की फोटो लेकर उसकी तलाश में जुटी होती है. इस बीच टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस को ये पता चलता है कि आरोपी सोहना, गुरुग्राम/फरीदाबाद की तरफ है. देर रात लगभग 11:55 बजे पुलिस की टीम उसे एक बस के अंदर से पकड़ने में सफल रहती है. वो बस में सवार होकर कानपुर फरार होने की फ़िराक में होता है.

नाले के पास से बरामद किया गया बच्ची का शव

पुलिस का अनुसार अनिल से पुछ्ताछ की गयी. शुरुआत में उसने बच्ची के बारे में कोई भी जानकारी होने से इंकार किया. जब उसे सीसीटीवी फूटेज दिखाई गयी तो उसने बच्ची को अगवा करने की बात स्वीकार की और ये भी बताया कि उसने बच्ची की हत्या कर शव को नाले के पास ही सुखी दलदल में झाड़ियों के बीच दबा दिया है. पुलिस ने लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची के शव को बाहर निकाला.

पुलिस पर चलायी गोली

बच्ची का शव मिलने के बाद जैसे ही पुलिस कर्मी पंचनामे की कार्रवाई में व्यस्त हुए तो मौके का फायदा उठाते हुए अनिल ने के पुलिस कर्मी की लोडेड पिस्तौल छिनी और पुलिस टीम पर गोली चला दी. गोली किसी को लगी नहीं. अनिल भागंने की फ़िराक में था, इसी बीच पुलिस टीम ने भी अनिल पर गोली चलाई जो उसके पैर में लगी. आरोपी को इंदिरा गाँधी अस्पताल ले जाया गया. पुलिस का कहना है कि अनिल को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी, उसे अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

बच्ची के शव का पोस्टमोर्टम मेडिकल बोर्ड से

पुलिस का कहना है कि बच्ची के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने बच्ची की हत्या करने से पहले उसके साथ दरिंदगी भी की है. इसे पुख्ता करने के लिए बच्ची के शव का पोस्टमोर्टम मेडिकल बोर्ड से कराया जा रहा है. इसके पीछे की वजह ये भी है कि पोस्टमोर्टम को लेकर किसी के भी मन में कोई संशय न रहे और आरोपी के खिलाफ जो भी साइंटिफिक सबूत हैं वो मिल सकें. पोस्टमोर्टर्म रिपोर्ट में जो भी निकल कर आएगा, उसके आधार पर अन्य धाराए भी जोड़ दी जाएँगी.

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