सीतापुर पत्रकार हत्याकांड : लेखपालों पर क्यों गहराया पुलिस का शक?

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड को लेकर आसपास के इलाकों में भारी उबाल है। पुलिस ने जिन संदिग्धों को हिरासत में लिया है, उनमें 4 लेखपाल भी हैं।;

Update: 2025-03-10 05:46 GMT

सीतापुर में महोली तहसील दैनिक जागरण अखबार के पत्रकार और RTI कार्यकर्ता राघवेंद्र बाजपेयी की शनिवार को दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद सीतापुर ही नहीं, आसपास के इलाकों में भी भारी गुस्सा है। रविवार को आसपास के जिलों में पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन भी किए।

पुलिस ने इस मामले में अब तक बारह संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। इन संदिग्धों में ४ लेखपाल भी हैं, जिनमें लेखपाल संघ के अध्यक्ष अनीस द्विवेदी भी शामिल हैं। पता चला है कि पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी के परिवारजनों ने उन पर शक जताया था। 

मारे गए पत्रकार के परिजनों ने पुलिस को बताया कि महोली तहसील में धान की खरीद और जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़े मामले का खुलासा करने के बाद से ही पिछले दस दिन से राघवेंद्र बाजपेयी को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। 

इसका खुलासा होने के बाद ४ लेखपालों का निलंबत कर दिया गया था। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी के घरवालों को शक है कि बाजपेयी की हत्या से उनके द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में किए गए खुलासों का कहीं न कहीं कोई कनेक्शन हो सकता है।

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की शनिवार को दोपहर करीब ३ बजे लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर इस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी मोटर साइकिल से तहसीलदार से मिलने जा रहे थे।

इस हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार के घर पर नेताओं के आने-जाने का सिलसिला तेज हो गया है। बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय, अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल समेत कई नेता और अधिकारी रविवार को दिवंगत पत्रकार बाजपेयी के घर पहुंचे और उनके परिजनों को सांत्वना दी।

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