पश्चिम बंगाल में 'पद्मश्री' से सम्मानित संत बलात्कार और जबरन गर्भपात के आरोप में घिरे
भारत सेवाश्रम संघ की बेलडांगा इकाई से जुड़े कृतिक महाराज ने इस आरोप से इनकार किया है और कहा है कि यह उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश है।;
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले की एक महिला ने भारत सेवाश्रम संघ की बेलडांगा इकाई से जुड़े पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त संत स्वामी प्रदीप्तानंद, जिन्हें आमतौर पर कृतिक महाराज के नाम से जाना जाता है, पर 2013 से बार-बार बलात्कार करने और जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि उसे नौकरी दिलाने के बहाने यह सब किया गया।
कृतिक महाराज ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि यह उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश है। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब दक्षिण कोलकाता के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के सामूहिक बलात्कार के मामले को लेकर राज्य में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।
नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण
महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि कृतिक महाराज, जिन्हें भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्म श्री" मिल चुका है, ने दिसंबर 2013 में पहली बार मिलने पर उन्हें चनाक आदिवासी आवासिक बालिका विद्यालय (जो उनके आश्रम द्वारा संचालित है) में नौकरी देने का वादा किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने दावा किया कि उसे 13 जनवरी 2014 को स्कूल के हॉस्टल में ठहराया गया और भरोसा दिलाया गया कि जल्द ही उसे नौकरी मिल जाएगी।
हॉस्टल में बार-बार बलात्कार का आरोप
महिला की पुलिस शिकायत के अनुसार, हॉस्टल में रहने के दौरान कृतिक महाराज उसे लगभग रोज़ाना भवन की पांचवीं मंज़िल पर बने एक कमरे में ले जाते थे और बलात्कार करते थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में महिला ने लिखा, “वह मुझे लगभग हर दिन ऊपर ले जाकर बलात्कार करता था।” महिला ने आगे आरोप लगाया कि एक बार महाराज ने उसे अपने आश्रम में पाँच दिन रहने के लिए बुलाया और वहां भी उसके साथ कई बार बलात्कार किया। इसके बाद उसे घर भेज दिया गया और कहा गया कि हर महीने पैसे भेजे जाएंगे।
जबरन गर्भपात कराने का आरोप
महिला ने शिकायत में कहा कि जब वह 2013 में गर्भवती हो गई, तो कृतिक महाराज ने कुछ स्कूल स्टाफ के साथ मिलकर उसे बेहरामपुर के एक निजी नर्सिंग होम में ले जाकर जबरन गर्भपात करवा दिया। जब उसने विरोध किया, तो उसे धमकाया गया।
महिला का दावा है कि यह यौन शोषण तब तक जारी रहा, जब तक वह नौकरी के इंतज़ार में आश्रम से संपर्क करती रही।
धमकियां और हमला
शिकायत के अनुसार, जब महिला ने राजा नाम के एक व्यक्ति से संपर्क किया, तो उसने उसे 13 जून को शाम 7 बजे बेहरामपुर में एक स्थान पर इंतजार करने को कहा। राजा ने बताया कि दो लोग उसे लेने आएंगे।
जब वे दो लोग पहुंचे और वह उनके साथ वाहन में बैठी, तो उन्होंने उसे धमकाया और कहा कि वह अब कृतिक महाराज से संपर्क न करे। इसके बाद उसे चलती गाड़ी से नीचे फेंक दिया गया।
कृतिक महाराज का इनकार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कृतिक महाराज ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह उनके "नाम और प्रतिष्ठा को खराब करने की साज़िश" है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।