CBSE बोर्ड परीक्षाओं में बड़ा बदलाव! अब 2 बार मिलेगा मौका, छात्रों की टेंशन होगी कम

CBSE ने साफ किया है कि परीक्षा का पाठ्यक्रम और प्रश्न पैटर्न पहले की तरह ही रहेगा. छात्रों के लिए कोई नया पाठ्यक्रम या परीक्षा ढांचा नहीं लाया गया है.;

Update: 2025-06-25 13:11 GMT

CBSE two-stage exam: साल 2026 से कक्षा 10 के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा का पैटर्न पूरी तरह बदलने वाला है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने फैसला लेते हुए दो-चरणीय बोर्ड परीक्षा प्रणाली लागू करने की घोषणा की है. इस नई व्यवस्था में छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे— एक बार फरवरी में और दूसरा मौका मई में. इसका मकसद सिर्फ बेहतर नंबर लाना नहीं, बल्कि छात्रों पर बनने वाले मानसिक दबाव को भी कम करना है.

प्रथम (मुख्य) परीक्षा: यह फरवरी 2026 में आयोजित होगी, जिसमें सभी कक्षा 10 के छात्र प्रथम बार उपस्थित होंगे.

द्वितीय परीक्षा: मई 2026 में आयोजित होगी और इसे सुधार या कंपार्टमेंट परीक्षा के रूप में देखा जाएगा.

CBSE ने बताया कि कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं अब अलग-अलग समय पर होंगी. कक्षा 10 की परीक्षा पहले समाप्त हो जाएगी, जिससे परिणाम समय से घोषित किए जा सकेंगे.

पहली परीक्षा

1. नव प्रवेशी विद्यार्थी (Freshers)

2. दूसरी बार कंपार्टमेंट देने वाले छात्र

3. Essential Repeat’ कैटेगरी (जो एक या दो विषयों में फेल हैं)

4. Improvement कैटेगरी (जैसे विद्यार्थी अंक सुधारना चाहते हैं)

दूसरी परीक्षा

1. Improvement– अधिकतम तीन विषयों में अंक सुधार

2. First या Third Chance कंपार्टमेंट

3. Compartment + Improvement

4. Replacement Subject पास रिकॉर्ड वाले छात्र, जो मूल विषय में सुधार करना चाहते हैं.

परीक्षा के स्वरूप और पैटर्न की जानकारी

CBSE ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा का स्वरूप—पाठ्यक्रम और प्रश्न पैटर्न—पहले की तरह ही रहेगा. छात्रों के लिए कोई नया पाठ्यक्रम या परीक्षा ढांचा नहीं लाया गया है.

पहली परीक्षा (फरवरी): परिणाम अप्रैल में घोषित होगा. इससे जो छात्र संतुष्ट हैं, वे कक्षा 11 में प्रवेश ले सकते हैं.

दूसरी परीक्षा (मई): परिणाम जून में घोषित होगा. इसके बाद ही अंतिम मार्कशीट और मेरिट प्रमाण पत्र दिए जाएंगे.

छात्रों को प्रवेश के समय प्रारंभिक प्रमाणीकरण के लिए पहली परीक्षा के अंक का उपयोग करने की अनुमति होगी, जबकि अंतिम प्रमाण-पत्र तभी मिलेगा, जब दोनों परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो जाएं.

मकसद

शैक्षणिक तनाव में कमी: छात्रों को सुधार या दूसरी कोशिश का मौका मिलना उनके मनोबल को बढ़ाएगा.

गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन: दो बार आंकलन से अधिक न्यायसंगत अंक मिलेंगे.

आजीवन सुधार की गुंजाइश: जिससे छात्र अपनी कमजोरियों पर दोबारा काम कर सकेंगे.

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