गुजरात में रैगिंग से एमबीबीएस छात्र की मौत के बाद 15 सीनियर्स के खिलाफ FIR दर्ज
पीड़ित, एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र अनिल मेथानिया, रैगिंग के दौरान कथित तौर पर तीन घंटे तक खड़े रहने के कारण बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-18 14:38 GMT
Gujarat Ragging Case : गुजरात के पाटन जिले में रैगिंग के चलते मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के 18 वर्षीय छात्र की मौत के मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. ये FIR 15 छात्रों के खिलाफ की गयी है, जो उसी मेडिकल कॉलेज के सेकंड ईयर के छात्र हैं, जिन पर रैगिंग करने का आरोप है. इनके खिलाफ पुलिस ने गैरइरादतन हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज किया है.
प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार, सभी आरोपी एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र हैं, जिन्होंने पीड़ित सहित कुछ जूनियर छात्रों को शनिवार रात तीन घंटे से अधिक समय तक छात्रावास के कमरे में खड़ा रखा और उन्हें "मानसिक और शारीरिक यातना" दी. FIR में कहा गया है कि आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आरोपी छात्रों को किया गया निलंबित
पाटन के धारपुर स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी छात्रों को अगले आदेश तक छात्रावास एवं शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया है. कॉलेज के डीन डॉ. हार्दिक शाह ने रविवार को बताया कि पीड़ित एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र अनिल मेथानिया शनिवार रात कॉलेज के छात्रावास में अपने वरिष्ठों द्वारा रैगिंग के दौरान कथित तौर पर तीन घंटे तक खड़े रहने के बाद बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई.
26 छात्रों के दर्ज किये गए बयान, 11 छात्रों की ली गयी थी रैगिंग
डॉ. शाह की अध्यक्षता में कॉलेज की रैगिंग विरोधी समिति ने 26 छात्रों के बयान लिए - जिनमें प्रथम वर्ष के 11 और द्वितीय वर्ष के 15 छात्र शामिल थे. कॉलेज के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि समिति ने पाया कि प्रथम वर्ष के 11 छात्रों को द्वितीय वर्ष के 15 छात्रों के एक समूह द्वारा रैगिंग का शिकार बनाया गया था.
सोमवार आधी रात के बाद बलिसाना पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 15 आरोपियों ने मेथानिया और उसके सहपाठियों सहित प्रथम वर्ष के 11 छात्रों को "परिचय" के लिए शनिवार रात छात्रावास के एक कमरे में बुलाया था. उन्होंने जूनियर छात्रों को लगभग साढ़े तीन घंटे तक खड़ा रखा तथा उन्हें गाने और नाचने, अपशब्द बोलने तथा कमरे से बाहर न जाने के लिए मजबूर किया.
मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से बिगड़ी तबियत
ऐसा दावा किया जा रहा है कि प्रथम वर्ष के छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण मेथानिया की तबीयत बिगड़ गई. पीड़ित आधी रात को बेहोश होकर गिर पड़ा. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, ऐसा एफआईआर में कहा गया है. कॉलेज के अतिरिक्त डीन डॉ. अनिल भठीजा की शिकायत के आधार पर 15 छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या, गलत तरीके से बंधक बनाना, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना और अश्लील शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)