सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG 2024 की याचिकाओं पर हुई सुनवाई, अगली सुनवाई 11 जुलाई को

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए परीक्षा को रद्द करने की बात पर कहा है कि ये पता लगाना जरुरी है कि आखिर पेपर लीक का स्तर क्या था? क्या सिर्फ कुछ सेंटर पर पेपर लीक हुए या फिर सिस्टेमेटिक तरीके से पेपर लीक किया गया?

Update: 2024-07-08 07:34 GMT

NEET-UG 2024: देश भर में NEET-UG 2024 की परीक्षा और परिणाम को लेकर काफी असंतोष है. सुप्रीम कोर्ट में इसी सन्दर्भ में 38 याचिकाएं दायर की गयी हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए परीक्षा को रद्द करने की बात पर कहा है कि ये पता लगाना जरुरी है कि आखिर पेपर लीक का स्तर क्या था? क्या कुछ सेंटर पर पेपर लीक हुए या फिर सिस्टेमेटिक तरीके से पेपर लीक हुआ है. कोई भी फैसला देने से पहले उसके स्तर को जानना बेहद जरुरी है. सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई रखी है, इससे पहले कोर्ट ने NTA, CBI और केंद्र सरकार को बुधवार शाम 5 बजे तक तमाम सवालों के जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.


दो बारी में हुई सुनवाई 

NEET-UG 2024 मामले में सुनवाई को लेकर आज सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहा. दोपहर लगभग 1 बजे इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. खुद मुख्यन्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदसीययी पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की. सुनवाई शुरू होते ही एक वकील ने गुजरात के छात्रों की ओर से उस याचिका को कोर्ट के सामने रखा, जिसमें NEET-UG 2024 की परीक्षा को फिर से कराये जाने का विरोध किया गया था. वकील ने इस अर्जी पर भी बाकी अर्जियो के साथ सुनवाई की मांग की.

इस पर चीफ जस्टिस ( CJI ) डीवाई चन्द्रचूड़ ने NEET-उग 2024 से सम्बंधित सभी याचिकाओं के वकीलों से कहा कि 'हम सब वकीलों को नहीं सुन सकते. हमारे सामने केस की मुख्य बातों को रखा जाए.'

ये कहने के बाद इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ के तीनों जजों ( CJI डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ) ने कुछ देर आपस में चर्चा की, जिसके बाद CJI ने कहा कि हम लंच के बाद सुनवाई करेंगे. CJI की तरफ से ये भी स्पष्ट किया कि पहले हम उन्हें सुनेंगे, जिन्होंने परीक्षा पर सवाल उठाते हुए पूरी परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग की है. उसके बाद में हम NTA और सरकार का पक्ष सुनेंगे.


लंच के लिए सुनवाई को रोका गया था, जो अब फिर से शुरू हो चुकी है. सुनवाई के दौरान क्या दी जा रही है दलील 

लंच के बाद सुनवाई दोपहर पौने तीन बजे शुरू हुई. पेपर रद्द करने वाली याचिका से जुड़े वकीलों ने अपनी दलील राखी. इस दौरान वकील NEET-UG 2024 परीक्षा और उसके परिणाम की तारीख की जानकारी अदालत को दी. 



ये हैं दलील

एक वकील ने दावा किया कि बिहार में 4 मई को ही टेलीग्राम एप पर पेपर लीक हो गया था, जबकि परीक्षा 5 मई को थी. सिर्फ इतना ही नहीं पहले परिणाम की डेट 14 जून घोषित की गयी थी और फिर अचानक से 4 जून को परिणाम घोषित कर दिया गया. 67 छात्रों ने पूरे (720 में 720 ) अंक हासिल किए. उनमें से 6 अभ्यर्थी एक ही सेंटर के हैं. जबकि अगर हम 2021 की बात करें तो सिर्फ 3 अभ्यर्थी ही पूरे अंक हासिल कर सके थे और 2023 में सिर्फ दो.

इस बीच CJI ने सवाल किया कि 67 में से ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें ग्रेस मार्क मिले.

वकील ने CJI को बताया कि कोई नहीं.

वकील ने कहा ''अगर सिस्टेमेटिक विफलता हो, अगर गड़बड़ियों का फायदा उठाने वाले को बाकी लोगों से अलग कर पहचानना मुश्किल हो तो परीक्षा फिर से होनी चाहिए. बिहार पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि NTA ने फॉर्मल SOP फ़ॉलो नहीं की है. NTA का कहना है कि अभी वो ये कहने की स्थिती में नहीं है कि ये सिस्टेमेटिक विफलता है या नहीं! 6 FIR, पटना, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र में दर्ज हुई हैं.''

CJI - पेपर लीक हुआ है, ये NTA ने ख़ुद माना है.

SG ( सोलिसिटर जनरल ) - पटना में जिन कैंडिडेट्स ने गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश की, उनका रिजल्ट रोक दिया गया है. 


क्या है मामला 

दरअसल NEET-UG 2024 परीक्षा के परिणाम आने के बाद पेपर लीक और कुछ अभियार्थियों के अंकों को लेकर देश भर में भारी असंतोष जाहिर किया गया था. परीक्षा कराने वाली संसथान NTA पर तरह तरह के गंभीर आरोप भी लगे. इसके बाद देश के अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में इस परीक्षा को लेकर कई याचिकाएं दायर की गयी. कुछ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हुईं.

सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच में इस सन्दर्भ में हुई सुनवाई में ये निर्णय लिया गया कि अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में दायर की गयी याचिका और सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी याचिकाओं की सुनवाई एक ही जगह हो और इसके लिये एक बेंच का गठन हो. इनकी सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की गयी और सुनवाई के लिए जो बेंच गठित की गयी, उसमें चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं.

Live Updates
2024-07-08 10:50 GMT

कोर्ट ने ये भी कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए बेहतर होगा कि सरकार जानकार ( विसेश्ज्ञों ) लोगों की एक टीम गठित करें. अगर ऐसी कमेटी पहले ही गठित हो गई है, तो इसकी जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराई जाए. कोर्ट तब कमेटी पर विचार कर तय करेगा. 

2024-07-08 10:46 GMT

कोर्ट ने NTA से सवाल किया कि 'गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले कि पहचान के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं.' NTA बताए कि अभी तक कितने लोगों की पहचान हुई है. कोर्ट ने NTA से ये भी बताने को कहा कि कितने सेंटर पर पेपर लीक हुआ है.

इसके साथ ही सीबीआई के जाँच अधिकारी को इन सब बिंदुओं पर कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. 

CJI ने NTA और केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या साईबर फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से संदिग्ध उम्मीदवारों की पहचान की  जा सकती है? ताकि गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले और बेदाग कैंडिडेट के बीच में अंतर किया जा सके.

2024-07-08 10:43 GMT

कोर्ट ने कहा कि हम कुछ बिन्चादुओं पर स्पष्टता चाहते हैं, वो उपलब्ध कराई जाएँ :- 

पेपर लीक किस स्तर का है? 

कितनी जगह पर लीक हुआ? 

लीक होने और परीक्षा के समय में कितना गैप रहा ?

इसके साथ ही कोर्ट ने CBI से भी जाँच की प्रगति के बारे में स्ट्रेट्स रिपोर्ट तलब की है.

2024-07-08 10:39 GMT

CJI- दोबारा परीक्षा आयोजित करने का फ़ैसला देने से पहले हमें ये तय करना होगा :-

क्या सिस्टेमेटिक लेवल पर धांधली हुई है?

क्याNEET परीक्षा की पूरी प्रकिया ही प्रभावित हो गई है?

क्या उन लोगो को पहचान करना संभव है जिन्होंने इस गड़बड़ी का फायदा हुआ?

कोर्ट- ऐसी सूरत में जब गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले और बाकी लोगों से अंतर कर पाना मुश्किल हो, तब दोबारा परीक्षा करना ज़रूरी हो जाता है. अगर गड़बड़ी कुछ ही सेन्टर तक सीमीत है, तब दोबारा परीक्षा करना सही नहीं होगा.

2024-07-08 10:13 GMT

CJI ने कहा कि गड़बड़ी का फायदा उठाने वालों की पहचान ज़रूरी है वरना फिर से परीक्षा करानी होगी

CJI ने पूछा कि गड़बड़ी के संभावित लाभार्थी कितने स्टूडेंट्स का रिजल्ट NTA ने रोका है ?

CJI ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या साईबर फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से संदिग्ध उम्मीदवारों की पहचान कर सकते हैं?

CJI ने कहा कि दोबारा परीक्षा की मांग करने वाले सभी याचिकाकर्ता के वकील संक्षिप्त ने अपनी लिखित दलीलें कोर्ट को दें.

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कोर्ट CBI से स्टेट्स रिपोर्ट तलब करे ताकि पता चल सके कि 6 FIR में जांच का क्या स्टेटस है.

2024-07-08 10:04 GMT

CJI ने SG से कई सवाल किये जो इस प्रकार हैं

CJI ने पूछा- हम जानना चाहते है प्रश्नपत्र किसने तैयार किया. प्रिंटिंग प्रेस को पेपर कब भेजे गए. ये प्रेस को कैसे भेजे गये. पेपर के कितने सेट तैयार किये गए.

CJI-अगर हम पाते है कि पेपर लीक और पेपर होने में गैप ज़्यादा है तो फिर ये पूरे सिस्टम की ही गड़बड़ी है। हम इस पर स्पष्ठता चाहते है कि कि क्या ये सिस्टेमेटिक विफलता है या नहीं । क्या टेलीग्राम , व्हाट्सअप के जरिये पेपर लीक हुआ।

CJI - ये तो तय है कि पेपर लीक हुआ है। परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है। हम इस पर स्पष्ठता चाहते है कि ये लीक कितने बड़े स्तर पर हुआ

CJI - अगर पेपर लीक और परीक्षा का अंतर ज़्यादा है तो दर्शाता है कि लीक बड़े पैमाने पर हुआ होगा। अगर हम धांधली का फायदा उठाने वाले को बाकी लोग से अलग नहीं कर पाते तो जाहिर है, ऐसी सूरत में फिर से परीक्षा करना ज़रूरी हो जाएगा।

CJI - हम ये समझते है कि 23 लाख छात्रो की फिर से परीक्षा कराना इतना आसान नहीं है। इसलिए हम इन बिंदुओं पर स्पष्टता चाहते है

CJI- हम ये जानना चाहते है कि कितने ऐसे कैंडिडेट्स है जिन्होंने पेपर लीक का फायदा उठाया। NTA और केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों की शिनाख्त के लिए क्या कदम उठाए है

CJI- ऐसे कैंडिडेट की पहचान करने की ज़रूरत है , उनके लिए सख्त होने की ज़रूरत है जिन्होंने इस गड़बड़ी का फायदा उठाया

CJI - हम ये जानना चाहते है कि जिन्हें पेपर लीक का फायदा हुआ है , क्या वो एक ही राज्य के है या अलग अलग राज्य के है

CJI - हम ये जानना चाहते है कि क्या ऐसे लोगो जिन्हें फ्रॉड का फायदा मिला है, क्या हम उनकी शिनाख्त कर पाए है या ये प्रकिया अभी भी जारी है।

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