NEET-UG 2024: देश भर में NEET-UG 2024 की परीक्षा और परिणाम को लेकर काफी असंतोष है. सुप्रीम कोर्ट में इसी सन्दर्भ में 38 याचिकाएं दायर की गयी हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए परीक्षा को रद्द करने की बात पर कहा है कि ये पता लगाना जरुरी है कि आखिर पेपर लीक का स्तर क्या था? क्या कुछ सेंटर पर पेपर लीक हुए या फिर सिस्टेमेटिक तरीके से पेपर लीक हुआ है. कोई भी फैसला देने से पहले उसके स्तर को जानना बेहद जरुरी है. सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई रखी है, इससे पहले कोर्ट ने NTA, CBI और केंद्र सरकार को बुधवार शाम 5 बजे तक तमाम सवालों के जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.दो बारी में हुई सुनवाई NEET-UG 2024 मामले में सुनवाई को लेकर आज सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहा. दोपहर लगभग 1 बजे इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. खुद मुख्यन्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदसीययी पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की. सुनवाई शुरू होते ही एक वकील ने गुजरात के छात्रों की ओर से उस याचिका को कोर्ट के सामने रखा, जिसमें NEET-UG 2024 की परीक्षा को फिर से कराये जाने का विरोध किया गया था. वकील ने इस अर्जी पर भी बाकी अर्जियो के साथ सुनवाई की मांग की.इस पर चीफ जस्टिस ( CJI ) डीवाई चन्द्रचूड़ ने NEET-उग 2024 से सम्बंधित सभी याचिकाओं के वकीलों से कहा कि 'हम सब वकीलों को नहीं सुन सकते. हमारे सामने केस की मुख्य बातों को रखा जाए.' ये कहने के बाद इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ के तीनों जजों ( CJI डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ) ने कुछ देर आपस में चर्चा की, जिसके बाद CJI ने कहा कि हम लंच के बाद सुनवाई करेंगे. CJI की तरफ से ये भी स्पष्ट किया कि पहले हम उन्हें सुनेंगे, जिन्होंने परीक्षा पर सवाल उठाते हुए पूरी परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग की है. उसके बाद में हम NTA और सरकार का पक्ष सुनेंगे.लंच के लिए सुनवाई को रोका गया था, जो अब फिर से शुरू हो चुकी है. सुनवाई के दौरान क्या दी जा रही है दलील लंच के बाद सुनवाई दोपहर पौने तीन बजे शुरू हुई. पेपर रद्द करने वाली याचिका से जुड़े वकीलों ने अपनी दलील राखी. इस दौरान वकील NEET-UG 2024 परीक्षा और उसके परिणाम की तारीख की जानकारी अदालत को दी. ये हैं दलील एक वकील ने दावा किया कि बिहार में 4 मई को ही टेलीग्राम एप पर पेपर लीक हो गया था, जबकि परीक्षा 5 मई को थी. सिर्फ इतना ही नहीं पहले परिणाम की डेट 14 जून घोषित की गयी थी और फिर अचानक से 4 जून को परिणाम घोषित कर दिया गया. 67 छात्रों ने पूरे (720 में 720 ) अंक हासिल किए. उनमें से 6 अभ्यर्थी एक ही सेंटर के हैं. जबकि अगर हम 2021 की बात करें तो सिर्फ 3 अभ्यर्थी ही पूरे अंक हासिल कर सके थे और 2023 में सिर्फ दो. इस बीच CJI ने सवाल किया कि 67 में से ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें ग्रेस मार्क मिले. वकील ने CJI को बताया कि कोई नहीं. वकील ने कहा ''अगर सिस्टेमेटिक विफलता हो, अगर गड़बड़ियों का फायदा उठाने वाले को बाकी लोगों से अलग कर पहचानना मुश्किल हो तो परीक्षा फिर से होनी चाहिए. बिहार पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि NTA ने फॉर्मल SOP फ़ॉलो नहीं की है. NTA का कहना है कि अभी वो ये कहने की स्थिती में नहीं है कि ये सिस्टेमेटिक विफलता है या नहीं! 6 FIR, पटना, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र में दर्ज हुई हैं.'' CJI - पेपर लीक हुआ है, ये NTA ने ख़ुद माना है. SG ( सोलिसिटर जनरल ) - पटना में जिन कैंडिडेट्स ने गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश की, उनका रिजल्ट रोक दिया गया है. क्या है मामला दरअसल NEET-UG 2024 परीक्षा के परिणाम आने के बाद पेपर लीक और कुछ अभियार्थियों के अंकों को लेकर देश भर में भारी असंतोष जाहिर किया गया था. परीक्षा कराने वाली संसथान NTA पर तरह तरह के गंभीर आरोप भी लगे. इसके बाद देश के अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में इस परीक्षा को लेकर कई याचिकाएं दायर की गयी. कुछ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हुईं. सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच में इस सन्दर्भ में हुई सुनवाई में ये निर्णय लिया गया कि अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में दायर की गयी याचिका और सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी याचिकाओं की सुनवाई एक ही जगह हो और इसके लिये एक बेंच का गठन हो. इनकी सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की गयी और सुनवाई के लिए जो बेंच गठित की गयी, उसमें चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं.
NEET-UG 2024: देश भर में NEET-UG 2024 की परीक्षा और परिणाम को लेकर काफी असंतोष है. सुप्रीम कोर्ट में इसी सन्दर्भ में 38 याचिकाएं दायर की गयी हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए परीक्षा को रद्द करने की बात पर कहा है कि ये पता लगाना जरुरी है कि आखिर पेपर लीक का स्तर क्या था? क्या कुछ सेंटर पर पेपर लीक हुए या फिर सिस्टेमेटिक तरीके से पेपर लीक हुआ है. कोई भी फैसला देने से पहले उसके स्तर को जानना बेहद जरुरी है. सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई रखी है, इससे पहले कोर्ट ने NTA, CBI और केंद्र सरकार को बुधवार शाम 5 बजे तक तमाम सवालों के जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.दो बारी में हुई सुनवाई NEET-UG 2024 मामले में सुनवाई को लेकर आज सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहा. दोपहर लगभग 1 बजे इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. खुद मुख्यन्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदसीययी पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की. सुनवाई शुरू होते ही एक वकील ने गुजरात के छात्रों की ओर से उस याचिका को कोर्ट के सामने रखा, जिसमें NEET-UG 2024 की परीक्षा को फिर से कराये जाने का विरोध किया गया था. वकील ने इस अर्जी पर भी बाकी अर्जियो के साथ सुनवाई की मांग की.इस पर चीफ जस्टिस ( CJI ) डीवाई चन्द्रचूड़ ने NEET-उग 2024 से सम्बंधित सभी याचिकाओं के वकीलों से कहा कि 'हम सब वकीलों को नहीं सुन सकते. हमारे सामने केस की मुख्य बातों को रखा जाए.' ये कहने के बाद इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ के तीनों जजों ( CJI डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ) ने कुछ देर आपस में चर्चा की, जिसके बाद CJI ने कहा कि हम लंच के बाद सुनवाई करेंगे. CJI की तरफ से ये भी स्पष्ट किया कि पहले हम उन्हें सुनेंगे, जिन्होंने परीक्षा पर सवाल उठाते हुए पूरी परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग की है. उसके बाद में हम NTA और सरकार का पक्ष सुनेंगे.लंच के लिए सुनवाई को रोका गया था, जो अब फिर से शुरू हो चुकी है. सुनवाई के दौरान क्या दी जा रही है दलील लंच के बाद सुनवाई दोपहर पौने तीन बजे शुरू हुई. पेपर रद्द करने वाली याचिका से जुड़े वकीलों ने अपनी दलील राखी. इस दौरान वकील NEET-UG 2024 परीक्षा और उसके परिणाम की तारीख की जानकारी अदालत को दी. ये हैं दलील एक वकील ने दावा किया कि बिहार में 4 मई को ही टेलीग्राम एप पर पेपर लीक हो गया था, जबकि परीक्षा 5 मई को थी. सिर्फ इतना ही नहीं पहले परिणाम की डेट 14 जून घोषित की गयी थी और फिर अचानक से 4 जून को परिणाम घोषित कर दिया गया. 67 छात्रों ने पूरे (720 में 720 ) अंक हासिल किए. उनमें से 6 अभ्यर्थी एक ही सेंटर के हैं. जबकि अगर हम 2021 की बात करें तो सिर्फ 3 अभ्यर्थी ही पूरे अंक हासिल कर सके थे और 2023 में सिर्फ दो. इस बीच CJI ने सवाल किया कि 67 में से ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें ग्रेस मार्क मिले. वकील ने CJI को बताया कि कोई नहीं. वकील ने कहा ''अगर सिस्टेमेटिक विफलता हो, अगर गड़बड़ियों का फायदा उठाने वाले को बाकी लोगों से अलग कर पहचानना मुश्किल हो तो परीक्षा फिर से होनी चाहिए. बिहार पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि NTA ने फॉर्मल SOP फ़ॉलो नहीं की है. NTA का कहना है कि अभी वो ये कहने की स्थिती में नहीं है कि ये सिस्टेमेटिक विफलता है या नहीं! 6 FIR, पटना, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र में दर्ज हुई हैं.'' CJI - पेपर लीक हुआ है, ये NTA ने ख़ुद माना है. SG ( सोलिसिटर जनरल ) - पटना में जिन कैंडिडेट्स ने गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश की, उनका रिजल्ट रोक दिया गया है. क्या है मामला दरअसल NEET-UG 2024 परीक्षा के परिणाम आने के बाद पेपर लीक और कुछ अभियार्थियों के अंकों को लेकर देश भर में भारी असंतोष जाहिर किया गया था. परीक्षा कराने वाली संसथान NTA पर तरह तरह के गंभीर आरोप भी लगे. इसके बाद देश के अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में इस परीक्षा को लेकर कई याचिकाएं दायर की गयी. कुछ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हुईं. सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच में इस सन्दर्भ में हुई सुनवाई में ये निर्णय लिया गया कि अलग अलग राज्यों के हाई कोर्ट में दायर की गयी याचिका और सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी याचिकाओं की सुनवाई एक ही जगह हो और इसके लिये एक बेंच का गठन हो. इनकी सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की गयी और सुनवाई के लिए जो बेंच गठित की गयी, उसमें चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं.