Success Story:सेल्फ स्टडी के दम पर क्लियर की UPSC एग्जाम, बिहार के लाल का कमाल
आदित्य मोहन सिन्हा ने सेल्फ स्टडी करके दूसरे अटेम्प्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. इस परीक्षा में उन्होंने रैंक 29 हासिल की और असिटेंट कमांडेंट बने.
किसी भी परीक्षा का पास के लिए दृढ़ संकल्प लेना काफी मायने रखता है. यूपीएससी की पढ़ाई अपने आप में सबसे कठिन पढ़ाई में से एक है. ऐसे में मुजफ्फरपुर के रहने वाले आदित्य मोहन सिन्हा ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी करके यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. इस परीक्षा को उन्होंने दूसरे अटेंप्ट में ही क्लियर की थी. 29 रैंक हासिल करने के बाद आदित्य मोहन असिटेंट कमांडेंट बने. आदित्य ने एक इंटरव्यू में बताया कि कहां से उन्हें इस परीक्षा को पास करने की प्रेरणा मिली और कैसे उन्होंने इस एग्जाम के लिए तैयारी की थी.
उन्होंने बताया, इस परीक्षा को पास करने का पूरा श्रेय मैं अपने दादा- दादी और मां- पापा को देता हूं. जब मैं छोटा था तो मेरे दादा मुझे इस क्षेत्रा में जानें के लिए प्रेरणा देते थे. मेरी दादी मुझे बचपन से ही ये कहती थी की मेरा पोता दादा की तरह पुलिस में भर्ती होगा. अपने दादा की तरह पुलिस की वर्दी पहनकर देश की सेवा करेगा. अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने अपनी बीटेक की पढ़ाई की और ऐसा लगा कि मैंने अपने सपने को पूरा करने की तैयारी शुरु कर दी है. अगर आज मेरी दादी जिंदा होती तो ये देखकर बहुत खुश होती, क्योंकि ये सपना उन्ही का था.
उन्होंने आगे बताया कि किसी भी सपने को पूरा करने का कोई शॉट कट नहीं होता. इसके के लिए आपके अंदर धैय, लक्ष्य के विश्वास, कभी न हार मानने वाला व्यवहार और मेहनत होनी चाहिए. अगर ये सब गुण आपके अंदर है तो आप किसी भी काम में सफल हो सकते हैं. हर प्रतियोगी के लिए उन्होंने सफल होने का यही तरीका बताया.
जब आदित्य की बीटेक पूरी हो गई थी तो वो किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे. लेकिन वो इस नौकरी से खुश नहीं थे और उन्होंने इस नौकरी को छोड़ अपने दादा और पिता का सपना पूरा करने की ठानी. आदित्य ने बताया कि इस परीक्षा के लिए मैंने कभी भी किसी भी कोचिंग क्लास को ज्वाइन नहीं किया. उन्होंने इस परीक्षा के लिए सेल्फ स्टडी की और सोशल मीडिया यूट्यूब की मदद से यूपीएससी की परीक्षा पास की. सबसे पहले उन्होंने साल 2022 में पहला अटेम्प्ट किया था, लेकिन वो असफल रहे. फिर एक साल के बाद साल 2023 में उन्होंने फिर से परीक्षा दी और उन्होंने 29 रैंक हासिल करके असिटेंट कमांडेंट बन गए.