NEET Paper Leak: झारखंड से 6 गिरफ्तार, बिहार पुलिस करेगी प्रश्नपत्रों का मिलान

नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने दावा किया कि उसने एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा के संदर्भ प्रश्नपत्र प्राप्त कर लिए हैं.

Update: 2024-06-22 14:50 GMT

NEET Paper Leak: कथित नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार (22 जून) को दावा किया कि उसने एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा के संदर्भ प्रश्नपत्र प्राप्त कर लिए हैं और पिछले महीने तलाशी अभियान के दौरान पटना में एक फ्लैट से बरामद दस्तावेजों से इनका मिलान करने की योजना बनाई है. राज्य पुलिस सूत्रों ने बताया कि ईओयू मामले में गिरफ्तार कुछ आरोपियों के नार्को विश्लेषण और ब्रेन मैपिंग परीक्षण कराने की संभावना भी तलाश रहा है.

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मई में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं के धन शोधन पहलू की जांच कर सकता है.ईओयू के एक सूत्र ने बताया, हमने पिछले महीने जांच शुरू करने के बाद एनटीए से संदर्भ प्रश्नपत्र मांगे थे. हम इन पेपरों का मिलान पिछले महीने पटना के एक फ्लैट से जब्त किए गए आंशिक रूप से जले हुए पेपरों से करेंगे. इस अभ्यास को ऐसे दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच से पहले किए जाने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि ईओयू के शीर्ष अधिकारी दिल्ली जा सकते हैं और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और अन्य संबंधित शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चल रही जांच से संबंधित कुछ पहलुओं पर चर्चा करेंगे. आर्थिक अपराध इकाई के एक अन्य सूत्र ने बताया कि ईओयू की एफआईआर के आधार पर ईडी इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की संबंधित धाराओं के तहत कर सकता है. केंद्रीय एजेंसी से अपराध की आय की पहचान करने और आरोपी या संदिग्धों की संपत्तियों को जब्त करने की कार्यवाही शुरू करने की उम्मीद है.

इस पर टिप्पणी करते हुए बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा में गंभीर अपराध किए गए हैं. प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पेपर लीक हुआ था. अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य भी पेपर लीक होने का संकेत देते हैं. मामले की पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जांच होनी चाहिए. क्योंकि इसमें काला धन शामिल हो सकता है.

विरोधाभासी बयान

ईओयू सूत्रों ने बताया कि यह भी पता चला है कि मामले के कुछ आरोपी पूछताछ के दौरान विरोधाभासी बयान दे रहे हैं या अपने बयान बदल रहे हैं. ईओयू के एक सूत्र ने बताया कि जांचकर्ता कुछ आरोपियों के बयानों से संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि, उनसे कई बार पूछताछ की गई है. लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं हैं. अब अधिकारी ब्रेन मैपिंग और नार्को-एनालिसिस टेस्ट कराने पर विचार कर रहे हैं. ये वैज्ञानिक परीक्षण जांचकर्ताओं को कुछ नए सुराग दे सकते हैं. बता दें कि ईओयू ने पिछले महीने नीट-यूजी 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक की जांच के तहत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था.

झारखंड से हिरासत में छह लोग

इस बीच बिहार पुलिस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में झारखंड के देवघर जिले से छह लोगों को हिरासत में लिया है. एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार रात को देवीपुर थाना क्षेत्र में एम्स-देवघर के पास एक घर से उन्हें हिरासत में लिया गया. एसडीपीओ (देवघर सदर) ऋत्विक श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार पुलिस ने हमें सूचना दी थी. पहचान के आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया है. सभी संदिग्धों को बिहार ले जाया गया है. उन्होंने बताया कि संदिग्ध कथित तौर पर झुनू सिंह नामक व्यक्ति के घर पर रह रहे थे.

देवघर पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उनकी पहचान परमजीत सिंह उर्फ बिट्टू, चिंटू उर्फ बलदेव कुमार, काजू उर्फ प्रशांत कुमार, अजीत कुमार, राजीव कुमार उर्फ कारू (सभी बिहार के नालंदा जिले के निवासी) और पंकू कुमार के रूप में हुई है. एनटीए ने 5 मई को नीट-यूजी का आयोजन किया था, जिसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए गए. लेकिन इसके बाद बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने के अलावा अन्य अनियमितताओं के आरोप भी लगे.

सीबीआई ने संदिग्ध से की पूछताछ

सीबीआई ने शनिवार को यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक व्यक्ति से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति ने कथित तौर पर समाचार पत्र का एक हिस्सा टेलीग्राम पर पोस्ट किया था. उसे जिले के पडरौना कोतवाली ले जाया गया, जहां सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम उससे पूछताछ कर रही है. उन्होंने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि संदिग्ध ने राजस्थान के कोटा में परीक्षा की कोचिंग ली थी. सीबीआई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर गुरुवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी.

यूजीसी-नेट पेपर लीक

जूनियर रिसर्च फेलो, असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी स्कॉलर्स के चयन के लिए यूजीसी-नेट-2024 परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा 18 जून को देश भर में दो पालियों में आयोजित की गई थी. सूत्रों ने बताया कि अगले दिन यूजीसी को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से सूचना मिली कि यह पेपर डार्कनेट पर उपलब्ध है और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर 5-6 लाख रुपये में बेचा जा रहा है.

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