अब एक साल में दो बार मिलेगा कॉलेज में दाखिले का मौका, यूजीसी ने दी बाईएनुअल एडमिशन प्रक्रिया को मंजूरी

यूजीसी के मुताबिक छात्रों को अब विश्वविद्यालयों और हायर एजुकेशन संस्थानों में एक साल में दो बार दाखिला दिया जाएगा यानी बाईएनुअल एडमिशन का प्रोसेस शुरू किया जाएगा. यूजीसी की तरफ से इस प्रक्रिया को शुरू करने की मंजूरी दे दी है.

Update: 2024-06-11 18:08 GMT

Biannual Admission Process: देश की शिक्षा निति में लगातार बदलाव हो रहे हैं. इस बीच यूजीसी( यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) ने एक और बड़ा एलान किया है. यूजीसी के मुताबिक छात्रों को अब विश्वविद्यालयों और हायर एजुकेशन संस्थानों में एक साल में दो बार दाखिला दिया जाएगा यानी बाईएनुअल एडमिशन का प्रोसेस शुरू किया जाएगा. यूजीसी की तरफ से इस प्रक्रिया को शुरू करने की मंजूरी दे दी है. यूजीसी के चेयरमैन जगदीश एम कुमार का कहना है कि नयी नीति से छात्रों के लिए मौके बढ़ेंगे, साथ ही हायर एजुकेशन संसथान विश्वस्तरीय गुणवत्ता के बनेंगे.

कैंपस प्लेसमेंट भी साल में दो बार होगा

यूजीसी के चेयरमैन जगदीश एम कुमार ने ये भी बताया की साल में दो बार एडमिशन की प्रक्रिया के साथ यूनिवर्सिटी में होने वाले कैंपस प्लेसमेंट भी दो बार आयोजित किये जायेंगे. इससे छात्रों को एक साल में दो बार कैंपस प्लेसमेंट का मौका मिलेगा, उनकी रोजगार की तलाश को कहीं न कहीं पूरा करने में एक अहम भूमिका निभाएगा.



साल बर्बाद होने के डर से बाहर निकलेंगे छात्र

यूजीसी की तरफ से ये भी कहा गया है कि एक साल में दो बार दाखिला प्रक्रिया उपलब्ध होने की वजह से छात्रों को मानसिक तौर पर भी काफी रहत मिलेगी. हमारे देश में अलग अलग राज्यों के अलग अलग शिक्षा बोर्ड है. ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि शिक्षा बोर्डों के परिणाम अलग अलग समय आते हैं और कई बार परिणाम आने में देरी भी हो जाती है, जिसकी वजह से कई बार मन चाही यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं भी मिल पाता, जिसकी वजह से छात्रों के मन में साल खराब होने का तनाव भी रहता है. अब इस नयी दाखिला प्रक्रिया से छात्रों के सिर से साल ख़राब होने का जो तनाव है, वो कम से कम दूर हो जायेगा.


2024-25 एकेडमिक सेशन से लागू होगा नियम

यूजीसी का कहना है कि बाईएनुअल एडमिशन की प्रक्रिया 2024-25 एकेडमिक सेशन से ही लागू होगा. जिसका पहला दाखिला चक्र जुलाई-अगस्त में होगा जबकि दूसरा जनवरी-फरवरी में आयोजित किया जायेगा.


फिलहाल वैकल्पिक है ये प्रक्रिया

यूजीसी ने ये भी साफ़ किया है कि बाईएनुअल एडमिशन प्रक्रिया फिलहाल वैकल्पिक है, अनिवार्य नहीं. यूनिवर्सिटी और हायर इंस्टिट्यूट इस व्यवस्था को तभी शुरू कर सकते हैं, जब उनके पास जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर हो. जैसे फैकल्टी मेंबर्स, कर्मचारी और छात्रों को मैनेज करने के लिए प्रशाशनिक क्षमता. जो भी विश्विद्यालय और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट इस प्रक्रिया को लागु करने का फैसला लेते हैं, उनके पास जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर होना अनिवार्य है.

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