Surabhi Gautam की कहानी, जो मध्यप्रदेश के सतना जिले के एक छोटे से गांव से आईं

सुरभि गौतम ने 2016 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 50वां रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं.;

Update: 2025-04-18 07:10 GMT
Surabhi Gautam

अंग्रेजी अब सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि एक स्थिति का प्रतीक बन गई है और ये जरूरी हो गई है. कई बार लोग अंग्रेजी में अच्छे नहीं होते और इससे उन्हें संवाद में कठिनाई होती है. इसी संदर्भ में हम एक IAS अधिकारी की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं. जिसे कभी अपनी अंग्रेजी के कारण कक्षा में ताने सुने थे. ये कहानी है सुरभि गौतम की जो मध्यप्रदेश के सतना जिले के एक गांव की रहने वाली हैं. वो बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थीं. उन्होंने गांव में रहते हुए अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और हमेशा कक्षा में टॉप करती थीं. वो अपने गांव की पहली लड़की थीं, जो उच्च शिक्षा के लिए शहर आईं.

सुरभि एक छोटे गांव से हैं. जहां ज्यादा कोचिंग संस्थान नहीं होते. उन्होंने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं बिना कोचिंग के दीं. आत्म-अध्यान और स्कूल की मदद से उन्होंने दोनों परीक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए. उनके पिता एक सिविल कोर्ट में वकील थे और उनकी मां एक शिक्षिका थीं.

स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद सुरभि गौतम ने राज्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा दी और इसमें शानदार अंक हासिल किए. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वो स्कूल तक हिंदी माध्यम की छात्रा थीं. सुरभि ने भोपाल इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में BTech किया. वो विश्वविद्यालय की इंजीनियरिंग परीक्षा में टॉपर रही और उनकी उत्कृष्टता के लिए उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.

कॉलेज का पहला दिन सुरभि गौतम के लिए काफी मुश्किल था. हिंदी माध्यम से आने के कारण वो अंग्रेजी में नहीं बोल पाती थीं. पहले दिन कॉलेज में उन्हें अंग्रेजी में अपना परिचय ठीक से नहीं दे पाने के लिए काफी मजाक उड़ाया गया. लेकिन फिर उन्होंने अपनी संचार क्षमताओं में सुधार करने का ठान लिया और रोज 10 नए अंग्रेजी शब्द सीखने का फैसला किया.

एक दिन टीचर ने उन्हें इंग्लिश में एक फिजिक्स का सवाल पूछा, जिसे वह ठीक से समझ नहीं पाईं और गलत जवाब दिया. इसके बाद टीचर ने उनके 12वीं कक्षा पास करने पर सवाल उठाया. इस घटना ने उनकी आत्म-विश्वास को तोड़ा और उन्होंने घर लौटने का मन बना लिया. फिर उनकी मां ने समझाया कि अगर वो इस तरह वापस लौट जाएंगी तो गांव की हर लड़की का सपना टूट जाएगा.

मां के शब्दों का गहरा असर हुआ और सुरभि ने अपनी अंग्रेजी पर पकड़ मजबूत करने का फैसला किया. उन्होंने इंजीनियरिंग से संबंधित अंग्रेजी की किताबें लाइब्रेरी से लीं और कठिन शब्दों के स्लिप्स बनाकर पूरे कमरे में चिपका दिए. फिर वो अंग्रेजी में सपने देखने लगीं. उन्होंने अपने सेमेस्टर की परीक्षाएं अंग्रेजी में दीं और पहले ही सेमेस्टर में विश्वविद्यालय में टॉप किया. कॉलेज खत्म करने के बाद उन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी पास कीं.

इसके बाद उन्होंने आठ प्रमुख परीक्षाओं में टॉप रैंक हासिल की, जिनमें ISRO, BARC, IES और UPSC IAS शामिल हैं. इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त करने के बाद सुरभि गौतम ने BARC में कुछ समय तक काम किया. 2013 में सुरभि गौतम ने IES परीक्षा में टॉप किया. फिर 2016 में उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 50वां रैंक प्राप्त कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया.

Tags:    

Similar News