कुछ ऐसी है केरल की पहली आदिवासी महिला IAS अधिकारी की कहानी, कठिनाइयों से भरी थी शुरुआत

UPSC Success Story: केरल की पहली आदिवासी महिला आईएएस अधिकारी बनी श्रीधन्या सुरेश की कहानी है.;

Update: 2025-01-02 10:21 GMT

UPSC Success Story Hindi: ये एक कहानी जो केरल की श्रीधन्या सुरेश की है, जिसने शुरुआत से ही कठिनाइयों का सामना किया. आपको बता दें ये केरल की पहली महिला है जो आदिवासी आईएएस अफसर बनी. अपने सपने को पूरा करते लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी थी. उनके इस सफर को पूरा करने के लिए उनके माता-पिता ने पूरा साथ दिया था. श्रीधन्या सुरेश के माता-पिता मनरेगा में मजदूरी करते थे. इस परीक्षा को पास करने के लिए कई संख्या में लोग अपनी मेहमत के दम से साकार होते दिखाई देते हैं. लेकिन इस परीक्षा को पास करने के लिए कई संघर्ष करने पड़ते है.

श्रीधन्या सुरेश वायनाड की रहने वाली है. श्रीधन्या के परिवार में माता-पिता और उनके तीन भाई-बहन हैं. श्रीधन्या सुरेश को पढाई-लिखाई का बहुत शौक था. जोसेफ कॉलेज से जूलॉजी में ग्रेजुएशन करके उन्होंने जनजाति विकास विभाग में क्लर्क के रूप में नौकरी करने लग गई थी. लेकिन उन्हें अपने जीवन में इससे से भी कुछ बड़ा करके दिखाना था. साल 2016 और 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी. दोनों साल में वो इस परीक्षा को पास न कर सकी. लेकिन उन्होंने यहां हिम्मत नहीं हारी. साल 2018 में उन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और वो 410वीं रैंक से पास हुई. फिर उसके बाद वो आईएएस बनीं. उन्होंने अपने पूरे परिवार का नाम रोशन किया.

यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए उनके पास पैसे नहीं हुआ करते थे. उस वक्त उन्होंने अपने दोस्तों से पैसे इकट्ठा किए और एक बार फिर अपने सपनों को पूरा करने के लिए जूट गई. आपको बता दें, श्रीधन्या सुरेश केरल की पहली आदिवासी आईएएस हैं.

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