विरोध का असर या चुनाव का डर झुक गई योगी सरकार, अब एक ही शिफ्ट में UPPSC एग्जाम

गुरूवार को UPPSC ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए एक बैठक की, जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रारंभिक परीक्षा एक ही शिफ्ट में ली जायेगी. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर छात्रों की मांग मानी गयी है.

Update: 2024-11-14 12:59 GMT

UPPSC Prelim Exams Student Protests:  उपचुनाव के बीच शुरू हुए छात्रों के प्रदर्शन के आगे उत्तर प्रदेश सरकार को झुकना ही पड़ा. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में UPPSC की परीक्षा को लेकर धरने पर बैठे छात्रों की बड़ी मांग को सरकार ने आखिरकार मान ही लिया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारे पर उत्तर प्रदेश लोकसेवा योग ( UPPSC ) ने छात्रों की मांग को मानते हुए UPPSC की प्रारंभिक परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया है. इसी के साथ 7 और 8 दिसम्बर को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. हालाँकि छात्रों में ख़ुशी की बजाये तनाव का माहौल कायम है, वजह है UPPSC ने रिव्यु ऑफिसर्स ( RO ) और सहायक रिव्यु ऑफिसर्स ( ARO ) की परीक्षा को फ़िलहाल स्थगित कर दिया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लिया गया फैसला

प्रदर्शन को देखते हुए सीएम योगी ने छात्रों की मांग पर संज्ञान लेते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद करने और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए थे.


इस मामले के प्रमुख बिंदु

- प्रदर्शन 4 दिन पहले ही शुरू हुआ.

- छात्रों ने मांग रखी कि प्रारंभिक परीक्षा और RO ARO की परीक्षा को अलग अलग दिन और अलग अलग शिफ्ट में न कराते हुए एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में करायी जाए.

- इसके पीछे छात्रों का तर्क था कि अलग अलग शिफ्ट और अलग अलग दिन परीक्षा होने से एक से ज्यादा प्रशन पत्र बनाये जायेंगे, जिसकी वजह से पेपर लीक होने की संभावनाएं बहुत ज्यादा प्रबल हो जाएँगी.

- छात्रों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर प्रदशन शुरू कर दिया.

- छात्रों का ये मामला राजनितिक रंग भी ले चला.

- प्रदेश में उपचुनाव के चलते सत्ता पक्ष को छात्रों की मांग पर गौर करना ही पड़ा.

- सरकार ने पहले पक्ष रखते हुए कहा कि ये व्यवस्था छात्रों की भलाई के लिए ही तैयार की गयी है.

- सरकार ने तर्क दिया कि परीक्षा सिर्फ उन्हीं केंद्रो में आयोजित की जायेगी को सुरक्षित हों. इसलिए परीक्षा केन्द्रों की संख्या कम हो गयी और इस वजह से परीक्षा का आयोजन दो दिन और दो शिफ्टों में रखा गया था,

- सरकार ने ये भी दावा किया कि पेपर लीक न हो इसके लिए कई स्तर पर निगरानी रखने का प्रबंध भी किया गया है.

- लेकिन छात्र बिलकुल नहीं मानें और अंत में प्रदेश सरकार को चुनावी माहौल, प्रदर्शन के बाद शुरू हुई राजनीती आदि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए छात्रों की मांग को मानना पड़ा है.

प्रदर्शन के व्यापक होने के चलते लिया गया फैसला

UPPSC की प्रारंभिक परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराये जाने की मांग को लेकर छात्र लम्बे समय से मांग कर रहे थे लेकिन बीते 4 दिनों से छात्रों ने प्रयागराज में UPPSC के कार्यालय के बाहर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया. 4 दिनों के अन्दर ही इस प्रदर्शन ने बढ़ा रूप ले लिया और इस राजनीती भी शुरू हो गयी. अभी की बात करें तो प्रदेश में उपचुनाव भी हैं. इन्हीं सब वजहों को ध्यान में रखते हुए गुरूवार को UPPSC ने एक बड़ी बैठक बुलाई. लम्बी चली बैठक के बाद प्रारंभिक परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराये जाने का निर्णय लिया गया.

RO ARO की परीक्षा स्थगित समिति गठित

गुरूवार को हुई बैठक में UPPSC ने RO और ARO की परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय भी लिया. छात्रों की मांग है कि ये परीक्षा भी एक ही शिफ्ट में करायी जाएँ. इस मांग पर विचार करते हुए एक समिति का गठन किया गया है, जो ये तय करेगी कि AO और ARO की भर्ती परीक्षा को कैसे आयोजित कराया जा सकता है. समिति सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार करेगी और फिर उसे सरकार के समक्ष पेश करेगी. ये काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है.

पेपर लीक के डर से हुआ प्रदर्शन

छात्रों ने ये प्रदर्शन परीक्षा को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में कराने के लिए शुरू किया. उनका कहना है कि अलग अलग शिफ्ट और अलग अलग दिन परीक्षा होने की वजह से पेपर लीक की आशंकाएं काफी प्रबल हो जाती है, इसलिए छात्रों की मांग थी कि परीक्षा एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में ली जाए. हालाँकि UPPSC की तरफ से ये भी कहा गया था कि परीक्षाएं दो शिफ्ट में छात्रों की बेहतरी के लिए ही आयोजित करवाई जा रही हैं. इसके अलावा पेपर लीक को ध्यान में रखते हुए केवल उन्हीं सेंटर में परीक्षा आयोजित की जायेंगी, जो सेफ होंगे, जहाँ नक़ल की ज़रा भी गुंजाइश नहीं होगी और न ही पेपर लीक की.

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