केरल फिल्म उद्योग में कोई शक्ति समूह नहीं, बल्कि 'मजबूत गठबंधन' : FEFKA महासचिव
एफईएफकेए डायरेक्टर्स यूनियन के निदेशक और महासचिव बी उन्नीकृष्णन ने कहा, "शूटिंग स्थलों पर छाया पुलिस की तैनाती कोई व्यावहारिक समाधान नहीं है."
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-09-01 09:52 GMT
Justice Hema Committee Fallout:
जस्टिस हेमा समिति के बाद तूफ़ान का सामना कर रही केरल फिल्म इंडस्ट्री में आरोपों को लेकर एक मत दिखे न दिखे लेकिन सिनेमा उद्योग में 'शक्ति समूह' के होने की बात पर लगभग एक जैसी राय देखने को मिल रही है. जहाँ एक तरफ मोहन लाल और ममूटी ने ऐसे किसी भी शक्ति समूह के होने की बात का खंडन किया है तो वहीँ अब केरल फिल्म कर्मचारी महासंघ (एफईएफकेए) के महासचिव बी उन्नीकृष्णन ने भी इन दोनों कलाकारों की इस बात का लगभग समर्थन ही किया है. उन्नीकृष्णन ने रविवार को कहा कि सिनेमा उद्योग में "मजबूत गठबंधन" जरुर हैं, लेकिन उन्हें किसी "शक्ति समूह" के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जैसा कि न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है.
मजबूत गठबंधन
उन्नीकृष्णन ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि यह एक "निर्विवाद तथ्य" है कि बड़ी फिल्में बनाने के लिए कुछ प्रोडक्शन हाउसों ने कुछ निर्देशकों, लेखकों और अभिनेताओं के साथ "मजबूत गठबंधन" किया हुआ है.
उन्नीकृष्णन के अनुसार "ये बड़े निर्देशक, लेखक और अभिनेता, अक्सर एक साथ कई परियोजनाओं पर काम करते हैं और स्वाभाविक रूप से, हर कोई अवसर पाने के लिए उनके साथ जुड़ने की कोशिश करता है. हालांकि, ऐसे गठबंधन वाणिज्यिक हितों पर आधारित होते हैं."
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के गठबंधन केवल मलयालम सिनेमा तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हर जगह फिल्म उद्योग में मौजूद हैं. उन्नीकृष्णन ने कहा कि सिनेमा से जुड़े विभिन्न संगठनों की कोई गुप्त लॉबी नहीं हो सकती जो समय-समय पर बैठक कर यह निर्णय ले कि फिल्मों से किसे अलग रखा जाना चाहिए.
शक्तिशाली समूह नहीं
फिल्म क्षेत्र में कोई "शक्तिशाली समूह" मौजूद है या नहीं, इस बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, "उद्योग इस तरह से काम नहीं कर पाएगा."
आलोचना को स्वीकार करे एएमएमए
ये पूछे जाने पर कि क्या समिति की रिपोर्ट पर मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (एएमएमए) की प्रतिक्रिया में देरी हुई, उन्नीकृष्णन ने कहा कि इसमें देरी नहीं हुई, लेकिन उन्होंने जो कहा उसकी आम जनता ने आलोचना की. "उन्हें (एएमएमए) आलोचना को स्वीकार करने और उससे सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए." उन्नीकृष्णन के अनुसार एएमएमए में वर्तमान संकट इस तथ्य के कारण है कि ये ट्रेड यूनियन जैसा संगठन नहीं है और इसका ढांचा ढीला है.
अनुभव हीनता और लचीलापन है कारण
एएमएमए को लेकर उन्नीकृष्णन ने आगे कहा कि हेमा समिति की रिपोर्ट में उल्लिखित मुद्दों से निपटने के लिए उनके (एएमएमए) पास "अनुभव और लचीलेपन" का अभाव है. "यदि उनके पास ट्रेड यूनियन जैसी संरचना या प्रणाली होती, तो ये सब नहीं होता."
2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले के बाद केरल सरकार ने न्यायमूर्ति के हेमा समिति का गठन किया था और इसकी रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा हुआ था.
मैं जो कहूँगा वो 21 ट्रेड यूनियन की राय होगी
निर्देशक विनयन द्वारा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से उन्हें (उन्नीकृष्णन को) सिनेमा नीति निर्माण समिति से हटाने की शिकायत के संबंध में, एफईएफकेए महासचिव ने कहा कि उन्हें समिति से दूर रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी.
उन्होंने कहा, "मैं FEFKA के महासचिव के रूप में पैनल में हूं और 21 शिल्पों या ट्रेड यूनियनों का प्रतिनिधित्व करता हूं, न कि एक व्यक्ति के रूप में. मैं जो कहूंगा, वो उन 21 ट्रेड यूनियनों की राय होगी. इसलिए, मुझे समिति से हटाने की कोई आवश्यकता नहीं दिखती."
विनयन ने इस आधार पर उन्नीकृष्णन को समिति से हटाने की मांग की है कि उन्हें अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा दंडित किया गया था.
सीसीआई का यह आदेश विनयन की शिकायत पर आया था.
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)