कन्नड़-पहलगाम टिप्पणी पर फंसे सोनू निगम, कर्नाटक पुलिस ने भेजा समन
पुलिस सोनू के कार्यक्रम की वीडियो क्लिप्स और पूरे वीडियो की प्रामाणिकता जांचने के लिए उन्हें फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) भेजेगी।;
लोकप्रिय गायक सोनू निगम को बेंगलुरु के एक लाइव कॉन्सर्ट के दौरान की गई विवादित टिप्पणी को लेकर अवलाहल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए समन भेजा है।
यह समन कथित तौर पर व्हाट्सएप के जरिए भेजा गया है और 25 अप्रैल को हुए कार्यक्रम से जुड़ी FIR के सिलसिले में है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार,सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप्स और कार्यक्रम के आयोजकों से प्राप्त वीडियो की जांच की जा रही है, जिन्हें आगे फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजा जाएगा ताकि वीडियो व ऑडियो की प्रामाणिकता जांची जा सके।
इसमें यह भी देखा जाएगा कि कहीं वीडियो एडिट तो नहीं किया गया है। साथ ही, निगम की आवाज का मिलान करने के लिए उनका वॉयस सैंपल भी लिया जाएगा।
FSL रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों से भी पूछताछ की है।
सोनू निगम का बयान
5 मई को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक बयान में सोनू निगम ने कहा कि उन्होंने कन्नड़ लोगों से हमेशा प्यार किया है, लेकिन जब कुछ युवा दर्शकों ने उन्हें मंच पर धमकी दी, तो उन्हें जवाब देना पड़ा।
उन्होंने कहा: “मैं कर्नाटक की जनता के निर्णय को शालीनता से स्वीकार करूंगा। मुझे कानून पर पूरा भरोसा है और मैं पुलिस के साथ पूरा सहयोग करूंगा।”
KFCC (कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स) ने गायक के खिलाफ "असहयोग अभियान" की घोषणा की है, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से कहा था: “कन्नड़, कन्नड़... यही कारण है पहलगाम की घटना का।”
घटना की पृष्ठभूमि
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब बेंगलुरु के एक कॉलेज कार्यक्रम में दर्शकों में से कुछ ने उनसे कन्नड़ में गाने की मांग की। सोनू निगम ने बताया कि वे पहले ही कार्यक्रम की शुरुआत कर चुके थे और उन्हें बार-बार टोकने पर कुछ लोगों को बहुत विनम्रता से समझाया कि वे कन्नड़ गाने भी गाएंगे, लेकिन पहले उन्हें कार्यक्रम को अपने ढंग से आगे बढ़ाने दिया जाए।
उन्होंने आगे कहा: “मैं 51 साल का हूं, कोई बच्चा नहीं जो अपमान सह ले। मैं कन्नड़ को अपनी दूसरी कार्यभाषा मानता हूं। लेकिन यदि कोई मेरा अपमान करता है या मुझे धमकी देता है, तो जवाब देना मेरा अधिकार है।”
देशभक्ति और आतंकवाद से जुड़ा संदर्भ
निगम ने यह भी कहा कि भाषा, जाति या धर्म के नाम पर नफरत फैलाना उन्हें स्वीकार नहीं है, विशेषकर उस समय जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें कर्नाटक के दो लोग भी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल उन छात्रों को "शिक्षा" दी थी और उसके बाद कार्यक्रम में एक घंटे से अधिक समय तक कन्नड़ में गाया, जिसकी रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।