हाई कोर्ट से समीर वानखेड़े को बड़ा झटका, शाहरुख-नेटफ्लिक्स पर मानहानि केस खारिज

आरोप था कि आर्यन खान द्वारा बनाई गई वेब सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ में उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया गया है.

Update: 2025-09-27 09:39 GMT

दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अधिकारी समीर वानखेड़े को बड़ा झटका दिया है. वानखेड़े ने हाल ही में शाहरुख खान, उनकी पत्नी गौरी खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था. उनका आरोप था कि आर्यन खान द्वारा बनाई गई वेब सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ में उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया गया है.

क्यों भड़के समीर वानखेड़े?

समीर वानखेड़े का कहना है कि इस सीरीज में उन्हें गलत और नकारात्मक रूप में दिखाया गया है. उनका आरोप है कि जानबूझकर उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर छवि खराब करने के इरादे से कंटेंट बनाया गया. उन्होंने दावा किया कि सीरीज में ड्रग्स विरोधी एजेंसियों को भी नकारात्मक रोशनी में पेश किया गया, जिससे जनता का विश्वास इन संस्थाओं से उठ सकता है.

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस केस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. जज ने कहा कि याचिका में जो राहतें मांगी गई हैं, वह यहां विचार योग्य नहीं हैं. हालांकि, कोर्ट ने समीर वानखेड़े को इजाजत दी है कि वो अपनी याचिका में संशोधन करके दोबारा दाखिल कर सकते हैं. यानी मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन इस बार उन्हें अपनी दलीलें और पुख्ता करनी होंगी.

आर्यन खान और ड्रग्स केस का कनेक्शन

गौरतलब है कि समीर वानखेड़े वही अफसर हैं, जिन्होंने साल 2021 के क्रूज़ ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था. उस वक्त आर्यन को करीब 27 दिनों तक जेल में रहना पड़ा, हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई. अब आर्यन खान ने वेब सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ बनाई है, जिसमें कथित तौर पर समीर वानखेड़े से मिलता-जुलता किरदार दिखाया गया है. इसी को लेकर विवाद खड़ा हुआ है.

किस सीन से हुआ विवाद?

सीरीज में एक सीन है, जहां ड्रग्स को लेकर बातचीत दिखाई जाती है और एक कैरेक्टर “सत्यमेव जयते” का नारा लगाकर बीच की उंगली दिखाता है. वानखेड़े का कहना है कि ये बेहद आपत्तिजनक है, क्योंकि “सत्यमेव जयते” राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है और इस तरह का इशारा राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 का उल्लंघन है. इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि शो में जानबूझकर उनके जैसे दिखने वाले कलाकार को कास्ट किया गया ताकि दर्शक उन्हें पहचान लें और उनकी छवि खराब हो.

2 करोड़ रुपये का दावा

समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की. खास बात ये रही कि उन्होंने कोर्ट को बताया कि अगर उन्हें यह रकम मिलती है, तो वो इसे टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल को दान कर देंगे ताकि कैंसर पीड़ित मरीजों की मदद हो सके. साथ ही, उन्होंने ये भी अपील की कि नेटफ्लिक्स पर प्रसारित सीरीज पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जाए.

अदालत में कौन-कौन थे पक्षकार?

इस केस में बड़े वकील पेश हुए हरीश साल्वे ने रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट की तरफ से दलीलें दीं. मुकुल रोहतगी नेटफ्लिक्स की ओर से खड़े हुए. जबकि समीर वानखेड़े की तरफ से संदीप सेठी ने पैरवी की. बहस के बाद कोर्ट ने साफ कहा कि वर्तमान याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता.

आगे क्या?

फिलहाल समीर वानखेड़े को झटका जरूर लगा है, लेकिन उन्हें नई याचिका दाखिल करने की अनुमति मिल गई है. अब सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या वो संशोधित याचिका दाखिल करते हैं और अगर करते हैं तो क्या इस बार उन्हें राहत मिल पाती है. ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ ने जहां आर्यन खान को चर्चा में ला दिया है, वहीं समीर वानखेड़े इस सीरीज से नाराज होकर कोर्ट तक पहुंच गए. दिल्ली हाई कोर्ट से फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं मिली, लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ है. आगे ये केस कितना लंबा खिंचता है, यह देखना दिलचस्प होगा.

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