एयर डिफेंस सिस्टम में देरी को लेकर वायु सेना प्रमुख ने जताई चिंता

फरवरी 2021 में HAL के साथ किए गए ₹48,000 करोड़ मूल्य के 83 तेजस Mk1A लड़ाकू विमानों के अनुबंध का जिक्र करते हुए एयर चीफ ने कहा कि इनकी डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी तय थी। आज तक नहीं हुई।;

Update: 2025-05-29 10:28 GMT
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि ऐसे अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए जाते हैं जिनके पूरे होने की उम्मीद ही नहीं होती

भारत के वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने गुरुवार, 29 मई को रक्षा प्रणालियों की खरीद में हो रही देरी को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे अनुबंधों पर हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं जबकि यह पहले से ही मालूम होता है कि वे प्रणालियाँ कभी नहीं आएंगी।

CII वार्षिक बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा, “कई बार हमें अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय ही पता होता है कि वे प्रणालियाँ कभी नहीं आएंगी। समयसीमा एक बहुत बड़ा मुद्दा है। मुझे ऐसा कोई भी प्रोजेक्ट याद नहीं जो समय पर पूरा हुआ हो।”

“ऐसा कुछ क्यों वादा करें जो पूरा ही न हो सके?” उन्होंने सवाल किया।

उन्होंने फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ किए गए ₹48,000 करोड़ के 83 तेजस Mk1A लड़ाकू विमानों के अनुबंध का हवाला देते हुए कहा कि इनकी डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन आज तक एक भी विमान नहीं मिला है।

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस देरी का असर कई अन्य परियोजनाओं पर भी पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स  मुताबिक एयर चीफ ने कहा , “तेजस Mk1 की डिलीवरी में देरी हो रही है। तेजस Mk2 का प्रोटोटाइप अभी तक तैयार नहीं हुआ है। और स्टेल्थ एएमसीए (AMCA) फाइटर का कोई प्रोटोटाइप अब तक नहीं है।”

'सिर्फ निर्माण नहीं, डिजाइनिंग की भी ज़रूरत है'

उन्होंने कहा, “हम केवल भारत में उत्पादन की बात नहीं कर सकते, हमें डिजाइनिंग की भी बात करनी होगी। सेनाओं और उद्योग के बीच भरोसा होना चाहिए। हमें पूरी पारदर्शिता रखनी होगी। जब हम कोई वादा करें, तो उसे निभाना भी चाहिए। भारतीय वायुसेना ‘मेक इन इंडिया’ को सफल बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।”


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'आज की जरूरत आज ही पूरी करनी होगी'

एयर चीफ ने कहा, “हमें वर्तमान के लिए तैयार रहना होगा, तभी भविष्य के लिए तैयार रह सकेंगे। अगले 10 वर्षों में इंडस्ट्री से ज्यादा आउटपुट मिलेगा, लेकिन आज जो चाहिए, वह आज ही चाहिए। हमें तुरंत एकजुट होकर काम करना होगा।”

उन्होंने कहा कि, “युद्ध सेनाओं को सशक्त बनाकर ही जीते जाते हैं।”

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