जब पाकिस्तान के नक्शे पर भड़के डोभाल, SCO बैठक से किया ऐतिहासिक वॉकआउट

Ajit Doval walkout: अजीत डोभाल द्वारा SCO बैठक में दिया गया संदेश अब भी भारत की विदेश नीति में एक संदर्भ बना हुआ है।;

Update: 2025-09-01 03:25 GMT

Modi China visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने पर चर्चा की। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई, जब अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाए जाने के कारण वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा हुआ है।

डोभाल का वॉकआउट

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा उस घटना की भी याद दिलाती है, जब भारत के ‘सुपर स्पाई’ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए एक सशक्त और ऐतिहासिक संदेश दिया था। COVID-19 महामारी के चरम पर सितंबर 2020 में एससीओ की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक वर्चुअल रूप से आयोजित की गई थी। इस बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि डॉ. मुईद यूसुफ ने एक नया राजनीतिक नक्शा दिखाया, जिसमें भारत के अभिन्न हिस्से जम्मू-कश्मीर और जूनागढ़ को पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया था। यह एससीओ चार्टर के साफ उल्लंघन के बराबर था, जो किसी भी सदस्य देश को बहुपक्षीय मंच पर द्विपक्षीय विवाद उठाने से रोकता है।

भारत की चेतावनी

पाकिस्तान की इस उकसावेभरी हरकत के विरोध में अजीत डोभाल ने बैठक का बहिष्कार (walkout) कर दिया। रूस, जो उस समय बैठक की अध्यक्षता कर रहा था, ने पाकिस्तान को कई बार चेताया, लेकिन जब पाकिस्तान टस से मस नहीं हुआ तो भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया — "हमारी क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं।"

सूत्रों ने इसे "SCO चार्टर का खुला उल्लंघन और सदस्य देशों की संप्रभुता की भावना के खिलाफ" बताया। बाद में रूस ने भी पुष्टि की कि वह पाकिस्तान की हरकत का समर्थन नहीं करता और रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने डोभाल के वॉकआउट की सराहना की।

परदे के पीछे का जासूस

अजीत डोभाल की भूमिका सिर्फ एक वॉकआउट तक सीमित नहीं है। उनका करियर किसी जासूसी थ्रिलर से कम नहीं रहा। 1971 से 1978 तक पाकिस्तान में मुस्लिम मौलवी बनकर अंडरकवर रहे और भारत को सैन्य जानकारी दी, जो 1971 युद्ध में काम आई। 1986 में मिज़ो विद्रोहियों से शांति समझौते में अहम भूमिका निभाई। 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान स्वर्ण मंदिर में घुसकर आतंकियों पर खुफिया जानकारी जुटाई। 1999 में कंधार विमान अपहरण के दौरान बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। 2014 में इराक में ISIS द्वारा बंधक बनाई गईं 46 भारतीय नर्सों की वापसी का संचालन किया। साल 2016 में नियंत्रण रेखा पार सर्जिकल स्ट्राइक्स की योजना का नेतृत्व किया।

मोदी की चीन यात्रा और सामरिक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी की यह चीन यात्रा न केवल आर्थिक और कूटनीतिक संतुलन की कोशिश है, बल्कि एक बार फिर भारत की संप्रभुता और रणनीतिक स्वतंत्रता की स्पष्ट अभिव्यक्ति भी है। अजीत डोभाल द्वारा SCO बैठक में दिया गया संदेश अब भी भारत की विदेश नीति में एक संदर्भ बिंदु बना हुआ है।

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